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Thursday, 25 April, 2024
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सबरीमाला: तनाव और विरोध-प्रदर्शन के बीच खुलेंगे मंदिर के कपाट

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सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद बुधवार को शाम पांच बजे पहली बार मंदिर सभी उम्र की महिलाओं के लिए खुल रहा है. मंदिर के आसपास सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए गए हैं.

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद बुधवार को शाम पांच बजे केरल के ऐतिहासिक सबरीमाला मंदिर के कपाट सभी उम्र की महिलाओं के लिए भी खुल रहे हैं. लेकिन जहां एक तरफ स्वामी अयप्पा के दर्शन के लिए महिला श्रद्धालु जुटने लगीं हैं तो वहीं दूसरी ओर शीर्ष अदालत के फैसले के खिलाफ प्रदर्शन तेज हो गए हैं. कोर्ट के फैसले को लेकर राज्य में सियासी घमासान मचा हुआ है. कई संगठन और राजनीतिक दल मंदिर में महिलाओं की एंट्री का विरोध कर रहे हैं.

समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, विरोध प्रदर्शन को देखते हुए सबरीमाला मंदिर के आसपास सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए गए हैं. कुल 1000 पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है, जिसमें 800 पुरुष और 200 महिलाएं हैं. इसके अलावा सन्निधानम में 500 सुरक्षाबलों की तैनाती की गई है.

राज्य के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने महिलाओं को सुरक्षा का भरोसा दिलाया है. उन्होंने राज्य के लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है. विजयन ने कहा कि केरल के धर्मनिरपेक्ष ढ़ांचे को कमजोर करने की कोशिश हो रही है. इसके साथ ही उन्होंने चेतावनी दी है कि जो लोग महिलाओं को मंदिर में जाने से रोकने की कोशिश करते हैं, उनके खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

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गौरतलब है कि प्रदर्शनकारी केरल सरकार से मांग कर रहे हैं कि राज्य सरकार को इस बारे में सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका डालनी चाहिए. लेकिन, केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने साफ किया है कि राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट का फैसला मानेगी और पुनर्विचार याचिका फाइल नहीं करेगी.

दूसरी तरफ, प्रदर्शनकारी सैकड़ों महिला भक्तों ने निलक्केल में कई वाहनों को रोककर चेक किया. इस दौरान वे मासिक धर्म की उम्र वाली महिलाओं को आगे जाने से रोक दिया. इसके बाद तनाव और बढ़ गया है.

मंदिर परिसर से करीब 20 किलोमीटर दूर निलक्केल बेस कैंप में भगवान अयप्पा के सैकड़ों भक्त ठहरे हुए हैं, लेकिन उन्हें यह नहीं पता कि वे अपने भगवान के दर्शन कब करेंगे. इन भक्तों में महिलाएं और छोटे-छोटे बच्चे भी शामिल हैं. इन भक्तों का कहना है कि अब तक उन्हें प्रशासन की तरफ से यह नहीं बताया गया है कि मंदिर के कपाट कब खुलेंगे.

सबरीमाला मंदिर में प्रवेश को लेकर विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने हिरासत में लेना शुरू कर दिया है. स्थानीय मीडिया के मुताबिक, पुलिस ने अभी तक कुल 11 प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया है. इनमें 8 को मंगलवार रात और 3 को बुधवार सुबह हिरासत में लिया गया.

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने मंदिर में महिलाओं के प्रवेश पर रोक को संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन बताया था. संवैधानिक बेंच ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा था कि संविधान के मुताबिक हर किसी को, बिना किसी भेदभाव के मंदिर में पूजा करने की अनुमति मिलनी चाहिए.

वहीं, मंदिर में प्रवेश न देने को लेकर प्रदर्शन कर रही महिलाओं पर भाजपा सांसद उदित राज ने भी निशाना साधा है. उन्होंने कहा, ‘मैंने समानता के लिए लड़ाई देखी है, गुलामी और असमानता के लिए नहीं. एक ओर जहां देश में पुरुषों द्वारा अत्याचारों के खिलाफ लड़ाई चल रही है. तो दूसरी तरफ, महिलाएं अपनी स्वतंत्रता और अधिकारों के खिलाफ लड़ रही हैं.’

भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने भी प्रदर्शनकारियों पर निशाना साधा है. भाजपा नेता ने कहा, ‘सुप्रीम कोर्ट ने एक फैसला दिया और अब आप कह रहे हैं कि यह हमारी परंपरा है. उन्होंने कहा कि अगर ऐसा है तो फिर तीन तलाक भी एक परंपरा है. लेकिन जब इसे खत्म किया गया तब सब लोग तारीफ कर रहे थे. अब वहीं हिंदू सड़कों पर आ गए हैं.’

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