लेह (लद्दाख): लद्दाख के लोगों द्वारा राज्य के दर्ज़ा बहाल करने और लद्दाख को संविधान की छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर लेह में बुधवार को विशाल प्रदर्शन हुआ, जो पुलिस के साथ झड़प में बदल गया. इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने भारतीय जनता पार्टी के कार्यालय को भी निशाना बनाया.
भूख हड़ताल पर बैठे कार्यकर्ता सोनम वांगचुक ने हिंसा पर अफसोस जताया और शांति बनाए रखने का आह्वान किया.
उन्होंने कहा, “मुझे यह बताते हुए दुख हो रहा है कि लेह में प्रदर्शन के दौरान कई कार्यालय और पुलिस वाहन तोड़े और जलाए गए. लेह में बंद का आह्वान किया गया था, लेकिन युवाओं की बड़ी संख्या ने इसमें भाग लिया…यह युवाओं का गुस्सा था, एक जेन ज़ी क्रांति.”
VERY SAD EVENTS IN LEH
My message of peaceful path failed today. I appeal to youth to please stop this nonsense. This only damages our cause.#LadakhAnshan pic.twitter.com/CzTNHoUkoC— Sonam Wangchuk (@Wangchuk66) September 24, 2025
वांगचुक ने एक्स पर साझा किए गए वीडियो में लिखा, “लेह की घटनाओं से बहुत दुख हुआ. मेरा शांतिपूर्ण मार्ग का संदेश आज विफल हो गया. मैं युवाओं से अनुरोध करता हूं कि कृपया इस बेतुकी हरकत को रोकें. इससे केवल हमारे उद्देश्य को नुकसान पहुंचता है.”
नेशनल कॉन्फ्रेंस के विधायक तनवीर सादिक ने कहा, “यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि सब कुछ गलत तरीके से संभाला गया. जैसे जम्मू-कश्मीर के मामले में कुप्रबंधन हुआ, वैसे ही लद्दाख के साथ भी हो रहा है. यह सच है, लेकिन हम हिंसा की निंदा करते हैं और आशा करते हैं कि दिल्ली में बैठे केंद्र सरकार लद्दाख के लोगों के साथ बैठकर बातचीत करेगी.”
संविधान की छठी अनुसूची में अनुच्छेद 244(2) और 275(1) शामिल हैं, जिनमें असम, मेघालय, त्रिपुरा और मिजोरम के आदिवासी क्षेत्रों के प्रशासन संबंधी प्रावधान बताए गए हैं.
हालांकि, अनुच्छेद 370 रद्द होने के बाद से लद्दाख और जम्मू-कश्मीर में राज्य के दर्ज़े की मांग लगातार उठती रही है.
इससे पहले, जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने बीजेपी पर राज्य का दर्ज़ा बहाल करने में विलंब के लिए तीखा हमला बोला और इसे लोगों के साथ अन्याय बताया.
उन्होंने कहा, “लोग चुनाव प्रक्रिया में भाग लेते हैं. बीजेपी की बदकिस्मती है कि वे जीत नहीं पाए, लेकिन लोगों को इसके लिए दंडित नहीं किया जा सकता. ऐसा लगता है कि राज्य का दर्ज़ा नहीं दिया जा रहा क्योंकि बीजेपी सरकार नहीं बना पाई. राज्य का दर्ज़ा केवल तभी बहाल होगा जब परिणाम बीजेपी के पक्ष में होंगे—ऐसा कहा नहीं गया था. राज्य के दर्ज़े के विरोध की जड़ बीजेपी में है.”
