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Saturday, 1 November, 2025
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प्रधानमंत्री मोदी ने जन्मजात हृदय रोगों का सफलतापूर्वक इलाज करा चुके बच्चों से मुलाकात की

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रायपुर, एक नवंबर (भाषा) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने छत्तीसगढ़ के नवा रायपुर में श्री सत्य साईं संजीवनी अस्पताल में जन्मजात हृदय रोगों का सफलतापूर्वक इलाज करा चुके लगभग 2,500 बच्चों से शनिवार को बातचीत की और इस बात पर ज़ोर दिया कि जीवन में कोई भी लक्ष्य हासिल करने के लिए अच्छा स्वास्थ्य ज़रूरी है।

एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि ‘दिल की बात’ कार्यक्रम के हिस्से के तौर पर ‘गिफ्ट ऑफ़ लाइफ’ समारोह में बातचीत के दौरान, प्रधानमंत्री ने कई बच्चों से बातचीत की, जिन्होंने हृदय संबंधी बीमारियों से ठीक होने के अपने अनुभव और भविष्य के अपने सपनों के बारे में बताया।

बयान के अनुसार, एक युवा हॉकी खिलाड़ी, जिसने पांच पदक जीते हैं, ने प्रधानमंत्री को बताया कि स्कूल में स्वास्थ्य जांच के दौरान उसे हृदय संबंधी रोग का पता चला था और छह महीने पहले उसकी सर्जरी हुई।

उसने बताया कि उसके बाद वह मैदान पर लौट आई और हॉकी खेल रही है। प्रधानमंत्री मोदी ने जब उससे उसकी आकांक्षाओं के बारे में पूछा, तो उसने जवाब दिया कि वह डॉक्टर बनना चाहती है और बच्चों का इलाज करना चाहती है।

प्रधानमंत्री ने जब पूछा कि क्या वह बड़ों का भी इलाज करेगी, तब बालिका ने आत्मविश्वास से हां में जवाब दिया।

एक अन्य बालिका ने बताया कि उसकी भी एक साल पहले दिल की सर्जरी हुई थी और वह दूसरों की सेवा करने के लिए डॉक्टर बनना चाहती है।

बयान में कहा गया है कि जब प्रधानमंत्री ने पूछा कि क्या वह सर्जरी की प्रक्रिया के दौरान रोई थी, तब उसने कहा, ‘‘नहीं’’ तथा एक प्रेरणादायक कविता सुनाई, जिसकी मोदी ने दिल से तारीफ़ की।

बयान में कहा गया है कि एक लड़के ने बताया कि उसकी 2014 में 14 महीने की उम्र में सर्जरी हुई थी और अब वह स्वस्थ है तथा क्रिकेट खेलता है। प्रधानमंत्री ने उससे पूछा कि क्या वह नियमित रूप से ‘हेल्थ चेक-अप’ करवाता है? उसने ‘‘हां’’ में जवाब दिया और बताया कि उसे कोई स्वास्थ्य समस्या नहीं है।

बयान में कहा गया है कि एक अन्य बालिका ने प्रधानमंत्री को बताया कि उसे कभी भी अस्पताल जाने या इंजेक्शन से डर नहीं लगता था, जिससे उसे तेज़ी से ठीक होने में मदद मिली। जब उससे उसके स्कूल में पढ़ाई के प्रदर्शन के बारे में पूछा गया, तब उसने कहा, ”मेरे टीचर बोलते हैं, तुम पढ़ाई में अच्छी हो, पर थोड़ा-थोड़ा अटकती हो।”

बालिका के जवाब पर प्रधानमंत्री ने कहा, ”अच्छा यह है, लेकिन आप सच बोल रहे हैं सच बोलने का आपको बहुत फायदा होगा।”

बयान के मुताबिक, सातवीं कक्षा में पढ़ने वाली एक लड़की ने प्रधानमंत्री को बताया, ”मेरा ऑपरेशन 2023 में हुआ था और मैं बड़ी होकर टीचर बनना चाहती हूं, क्योंकि मैं गरीब बच्चों को आगे बढ़ाने के लिए उन्हें मुफ्त में पढ़ाना चाहती हूं और पढ़ाई से हमारा देश आगे बढ़ता है।”

बातचीत के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने बच्चों से पूछा, ”अच्छा आप सबको पता है, किसका शताब्दी वर्ष का यह महीना शुरू हुआ है? सत्य साईं बाबा का सौ साल। वर्षों पहले पुट पट्टी के आसपास पानी की बहुत किल्लत थी और खेत के लिए पानी तो नहीं था, पीने के लिए भी पानी की किल्लत थी, उन्होंने उस समय पानी के लिए इतना काम किया। करीब 400 गांव को पीने का पानी पहुंचाया।’’

उन्होंने कहा, ‘‘यानी किसी सरकार को भी इतना काम करना हो, तो कभी-कभी बहुत सोचना पड़ता है, और हमारे लिए संदेश यह है कि हमें पानी बचाना चाहिए। पेड़ लगाने चाहिए। आपको मालूम है, मैं एक अभियान चलाता हूं – एक पेड़ मां के नाम। हर एक को अपनी मां अच्छी लगती है ना, तो मां के नाम हमें एक पेड़ लगाना चाहिए, अपनी मां के नाम। तो धरती मां का भी कर्ज चुकाते हैं, अपनी मां का भी कर्ज चुकाते हैं।”

बयान में कहा गया है कि बातचीत के दौरान पश्चिम बंगाल के अभिक नाम के एक बच्चे ने कहा कि वह देश की सेवा और रक्षा के लिए भारतीय सेना में शामिल होना चाहता है। मोदी ने उसकी देशभक्ति और पक्के इरादे की तारीफ की।

प्रधानमंत्री ने इस दौरान बच्चों से मिलकर खुशी ज़ाहिर की, और इस बात पर ज़ोर दिया कि जीवन में कोई भी लक्ष्य हासिल करने के लिए अच्छी सेहत ज़रूरी है।

उन्होंने योग करने, अनुशासन बनाए रखने और स्वस्थ्य आदतें अपनाने के लिए उन्हें प्रोत्साहित किया।

भाषा संजीव अमित सुभाष

सुभाष

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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