नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को शिलॉन्ग के पूर्वोत्तर इंदिरा गांधी क्षेत्रीय स्वास्थ्य एवं चिकित्सा संस्थान (एनईआईजीआरआईएचएमएस) में 7,500 जन औषधि केंद्र राष्ट्र को समर्पित किए.
पीएम ने कहा कि इस योजना से पहाड़ी क्षेत्रों, नॉर्थ ईस्ट, जनजातीय क्षेत्रों में रहने वाले देशवासियों तक सस्ती दवा देने में मदद मिल रही है. आज जब 7500वे केंद्र का लोकार्पण किया गया तो वो शिलांग में हुआ है. इससे स्पष्ट है कि नॉर्थ-ईस्ट में जनऔषधि केंद्रों का कितना विस्तार हो रहा है.
जन औषधि केंद्रों में सस्ती दवाई के साथ-साथ युवाओं को आय के साधन भी मिल रहे हैं। हमारी बहनों और बेटियों को सिर्फ ढाई रुपये में सैनिटरी पैड उपलब्ध कराए जाते हैं तो इससे उनके स्वास्थ्य पर सकारात्मक असर होता है। अब तक 11 करोड़ से ज़्यादा सैनिटरी नैपकिन इन केंद्रों पर बिक चुके हैं: PM https://t.co/xRBofgU1MN pic.twitter.com/2TF4u7YUMn
— ANI_HindiNews (@AHindinews) March 7, 2021
मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये यह नया केंद्र राष्ट्र को समर्पित किया. इस केंद्र पर गुणवत्ता वाली दवाइयां उचित मूल्य पर उपलब्ध होती हैं. इसके अलावा प्रधानमंत्री ने इस दौरान देश के विभिन्न हिस्सों के लोगों के साथ बातचीत भी की.
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प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि परियोजना का उद्देश्य सस्ते दाम पर अच्छी दवाइयां उपलब्ध कराना है.
वर्ष 2014 में इन केंद्रों की संख्या 86 थी. इस योजना के तहत आज इन स्टोर की संख्या 7,500 पर पहुंच गई है. देश के सभी जिलों में इस तरह के स्टोर हैं.
वित्त वर्ष 2020-21 में चार मार्च तक इन केंद्रों द्वारा दवाओं की बिक्री से नागरिकों को करीब 3,600 करोड़ रुपये की बचत हुई है. इन केंद्रों पर दवाएं बाजार मूल्य से 50 से 90 प्रतिशत सस्ती मिलती हैं.
पीएम ने कहा स्टेट एवं दवाओं की कीमतों में कमी और स्वास्थ्य योजनाओं के कारण गरीब एवं मध्यम आय वर्ग के परिवारों को 50,000 करोड़ रुपए की बचत हुई है.
‘जन औषधि’ के बारे में जागरूकता के प्रसार के लिए एक से सात मार्च तक देशभर में ‘जन औषधि’ सप्ताह मनाया जा रहा है. इसका विषय ‘जन औषधि-सेवा भी, रोजगार भी’ रखा गया है.
(भाषा और एएनआई के इनपुट्स के साथ)