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Tuesday, 23 April, 2024
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यूक्रेन से भारत आए छात्रों को मेडिकल कॉलेजों में दाखिला देने के संबंध में निर्देश देने के लिए HC में याचिका दायर

याचिका में मांग की गई है कि यूक्रेन से लौटे छात्रों को अपनी आगे की पढ़ाई पूरी करने के लिए भारतीय मेडिकल कॉलेजों में एडमिशन के संबंध में निर्देश दिए जाएं.

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नई दिल्लीः एक एनजीओ प्रवासी लीगल सेल ने यूक्रेन से लौटे मेडिकल छात्रों को भारत में मेडिकल कॉलेजों को ज्वाइन करने के संबंध में एनएमसी यानी नेशनल मेडिकल कमीशन को निर्देश देने के लिए दिल्ली हाई कोर्ट का रुख किया है.

याचिका में मांग की गई है कि यूक्रेन से लौटे छात्रों को अपनी आगे की पढ़ाई पूरी करने के लिए भारतीय मेडिकल कॉलेजों में एडमिशन के संबंध में निर्देश दिए जाएं. याचिका में कहा गया है कि यूक्रेन में मेडिकल की पढ़ाई करने जाने के पीछे कई कारण हैं. इसमें खर्च का कम होना, एजुकेशन की बेहतर क्वालिटी, और बाहर प्रेक्टिस करने का लाइसेंस इत्यादि शामिल हैं. इसके अलावा यूक्रेन में एडमिशन के लिए छात्रों को कोई मेडिकल प्रवेश परीक्षा नहीं देनी पड़ती बल्कि नीट परीक्षा पास होने पर एडमिशन मिल जाता है. इन सब कारणों से मेडिकल की पढ़ाई के लिए यूक्रेन सबसे आसान विकल्प बन जाता है.

याचिका में कहा गया है कि पहले से ही युद्ध की विभीषिका झेल चुके इन छात्रों का भविष्य बर्बाद हो सकता है और भारत में अभी तक इस तरह का कोई कानून नहीं है कि बाहर पढ़ रहे मेडिकल छात्रों को भारत में एकेडमिक सेशन के बीच में एडमिशन दे दिया जाए.

संविधान के अनुच्छेद 21 का हवाला देते हुए याचिका में कहा गया है कि मौजूदा हालात के कारण दूसरे देश में जो छात्र मेडिकल की पढ़ाई छोड़ने को मजबूर हुए हैं उन भारतीय छात्रों को अपने देश में मेडिकल की पढ़ाई पूरी करने का अधिकार है.

इसके पहले आईएमसी ने भी केंद्र से इन छात्रों को अपने यहां जगह देने की गुजारिश की थी. आईएमसी के जनरल सेक्रेटरी डॉक्टर जयेश लेले ने कहा, ‘हम उन 20 हजार डॉक्टरों को खोना नहीं चाहते जिन्होंने पहले से ही काफी मुश्किलों का सामना किया है और जो काफी मानसिक परेशानी और तनाव की स्थिति में हैं. अगर उन्हें मौका नहीं मिला तो उनके दो साल खराब हो जाएंगे.’


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