गुवाहाटी, 30 नवंबर (भाषा) असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने रविवार को कहा कि अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की राज्य के छह प्रमुख समुदायों की मांग से संबंधित रिपोर्ट सभी वर्गों को संतुष्ट करने में सक्षम है।
उन्होंने रिपोर्ट के विरोध को खारिज करते हुए रेखांकित किया कि सभी मुद्दों पर कुछ समर्थन और कुछ अस्वीकृति होगी।
एक मंत्रिसमूह (जीओएम) ने छह समुदायों – ताई अहोम, चुटिया, मोरन, मटक, कोच-राजबोंगशी और चाय जनजाति (आदिवासी) को अनुसूचित जनजाति का दर्जा दिए जाने की मांग पर शनिवार को राज्य विधानसभा में अपनी रिपोर्ट पेश की।
अगर इन समुदायों को अनुसूचित जनजाति (एसटी)का दर्जा दिया जाता है, तो वे शिक्षा और नौकरियों में आरक्षण के दायरे में आ जाएंगे।
शर्मा ने सोनितपुर जिले में एक कार्यक्रम से इतर संवाददाताओं से कहा, ‘‘रिपोर्ट अब सामने आ गई है और इसे हर कोई देख सकता है। मुझे लगता है कि रिपोर्ट सभी वर्गों के लोगों को संतुष्ट करने में सक्षम है।’’
मुख्यमंत्री ने कुछ समूहों द्वारा रिपोर्ट का विरोध किये जाने के सवाल पर कहा, ‘‘हर मुद्दे पर कुछ लोग पक्ष में और कुछ विरोध में होंगे। यह लोकतंत्र है। सभी लोग सिर्फ मेरे कहने से किसी बात को स्वीकार नहीं करेंगे।’’
असम मंत्रिमंडल द्वारा रिपोर्ट को मंजूरी दिए जाने के विरोध में बोडोलैंड विश्वविद्यालय के छात्रों ने शनिवार को बीटीसी सचिवालय के सभाकक्ष में जबरन दाखिल हो गए और संपत्ति को नुकसान पहुंचाया। बोडो असम के सबसे बड़े अनुसूचित जनजाति समुदायों में से एक हैं।
भाषा धीरज जोहेब
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