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Thursday, 28 March, 2024
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ज्ञानवापी मस्जिद सर्वेक्षण पर भड़के ओवैसी, कहा- कोर्ट के आदेश से एंटी मुस्लिम हिंसा का रास्ता खुल रहा

असदुद्दीन ओवैसी ओवैसी ने ट्वीट कर कहा कि, 'काशी की ज्ञानवापी मस्जिद का सर्वेक्षण करने का ऑर्डर 1991 के पूजा स्थल अधिनियम का खुला उल्लंघन है.

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नई दिल्ली: वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वेक्षण को लेकर उठे विवाद के बीच, एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने शनिवार को कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) नफरत के युग को फिर से शुरू करने की कोशिश कर रहे हैं, जैसा कि 1990 के दशक में हुआ था.

असदुद्दीन ओवैसी ओवैसी ने ट्वीट कर कहा कि, ‘काशी की ज्ञानवापी मस्जिद का सर्वेक्षण करने का ऑर्डर 1991 के पूजा स्थल अधिनियम का खुला उल्लंघन है. उन्होंने आगे कहा कि यह अधिनियम भारत की धर्मनिरपेक्ष विशेषताओं की रक्षा करता है, जो कि संविधान की बुनियादी विशेषताओं में से एक है.’

‘उन्होंने कहा, ‘दुर्भाग्यपूर्ण है कि अदालत, सुप्रीम कोर्ट की खुलेआम अवहेलना की जा रही है. इस आदेश से, अदालत 1980-1990 रथ यात्रा में हुए खून-खराबे और मुस्लिम विरोधी का रास्ता खोल रही है.

उन्होंने आगे कहा कि अयोध्या फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि यह अधिनियम भारत की धर्मनिरपेक्ष विशेषताओं की रक्षा करता है, जो कि संविधान की बुनियादी विशेषताओं में से एक है. ओवैसी ने सर्वे के फैसले को एंटी मुस्लिम हिंसा का रास्ता खोलने वाला भी करार दिया है.

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क्या था मामला

वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर परिसर और ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में स्थित श्रृंगार गौरी समेत कई देवी-देवताओं के सर्वे को लेकर विरोध प्रदर्शन हो चुका है.

अदालत द्वारा नियुक्त अधिकारी और वकीलों के एक दल ने शुक्रवार को वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद का निरीक्षण किया था. मस्जिद के परिसर में आज भी वीडियोग्राफी होनी है.

गौरतलब है कि विश्व वैदिक सनातन संघ के पदाधिकारी जितेन्द्र सिंह विसेन के नेतृत्व में राखी सिंह तथा अन्य ने अगस्त 2021 में अदालत में एक वाद दायर कर श्रृंगार गौरी के नियमित दर्शन—पूजन और अन्य देवी—देवताओं के विग्रहों की सुरक्षा की मांग की थी. सिविल जज (जूनियर डिवीजन) रवि कुमार दिवाकर की अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद गत 26 अप्रैल को अजय कुमार मिश्रा को एडवोकेट कमिश्नर नियुक्त कर ज्ञानवापी परिसर की वीडियोग्राफी—सर्वे करके 10 मई को अपनी रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया था. मिश्रा ने वीडियोग्राफी और सर्वे के लिये 6 मई का दिन तय किया था.

वहीं पुलिस सूत्रों के मुताबिक मामला संवेदनशील होने के कारण जिले की सभी थानों की पुलिस के साथ—साथ स्थानीय अभिसूचना इकाई को भी अतिरिक्त सतर्कता बरतने के आदेश दिये गये हैं.

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