scorecardresearch
Wednesday, 24 April, 2024
होमदेशकोविड 19 के बीच डोमिसाइल लॉ को लेकर मोदी सरकार पर भड़के उमर अब्दुल्ला, महबूबा की रिहाई की मांग

कोविड 19 के बीच डोमिसाइल लॉ को लेकर मोदी सरकार पर भड़के उमर अब्दुल्ला, महबूबा की रिहाई की मांग

उमर ने सिलसिलेवार ट्वीट में कहा है कि जब हमारे सभी प्रयास और पूरा ध्यान ‘कोविड-19’ के संक्रमण को फैलने से रोकने पर होना चाहिए, तब सरकार जम्मू कश्मीर में नया अधिवास कानून लेकर आई है.

Text Size:

श्रीनगर: नेशनल कांफ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने जम्मू कश्मीर के लिए नए डोमिसाइल (अधिवास) कानून को लेकर बुधवार को मोदी सरकार हमला बोला है. उन्होंने ट्वीट कर कहा है कि केंद्र सरकार के पास कोविड 19 संकट के बीच भी नए कानून के लिए समय है लेकिन महबूबा मुफ्ती सहित बाकी नेताओं को हिरासत से रिहा करने का समय नहीं है.

आलोचना करते हुए कहा कि यह पहले से पीड़ित लोगों का अपमान है क्योंकि वादे के मुताबिक कोई संरक्षण नहीं दिया जा रहा है.

उमर ने सिलसिलेवार ट्वीट में कहा, ‘…जब हमारे सभी प्रयास और पूरा ध्यान ‘कोविड-19’ के संक्रमण को फैलने से रोकने पर होना चाहिए, तब सरकार जम्मू कश्मीर में नया अधिवास कानून लेकर आई है. जब हम देखते हैं कि ऐसा कोई भी संरक्षण कानून से नहीं मिल रहा है, जिसका वादा किया गया था, तब यह पहले से लगी चोट को और गंभीर कर देता है.’

पूर्ववर्ती जम्मू कश्मीर राज्य के मुख्यमंत्री रह चुके उमर ने कहा कि नया कानून इतना खोखला है कि ‘दिल्ली के वरदहस्त प्राप्त’ नेता भी इसकी आलोचना करने के लिये मजबूर हैं.

अच्छी पत्रकारिता मायने रखती है, संकटकाल में तो और भी अधिक

दिप्रिंट आपके लिए ले कर आता है कहानियां जो आपको पढ़नी चाहिए, वो भी वहां से जहां वे हो रही हैं

हम इसे तभी जारी रख सकते हैं अगर आप हमारी रिपोर्टिंग, लेखन और तस्वीरों के लिए हमारा सहयोग करें.

अभी सब्सक्राइब करें

उन्होंने कहा, ‘नए कानून के खोखलेपन की कल्पना इसी तथ्य से की जा सकती है कि दिल्ली के इशारे पर बनी नयी पार्टी के वे नेता भी इसकी आलोचना करने पर मजबूर हैं, जो इस कानून के लिए दिल्ली में लॉबिंग कर रहे थे.’

उमर का इशारा ‘जम्मू कश्मीर अपनी पार्टी’ के संस्थापक अल्ताफ बुखारी द्वारा अधिवास कानून की आलोचना किये जाने की ओर था.

गौरतलब है कि सरकार ने बुधवार को एक गजट अधिसूचना जारी कर जम्मू कश्मीर के 138 अधिनियमों में कुछ संशोधन करने की घोषणा की. इनमें ग्रुप-4 तक की नौकरियां सिर्फ केंद्र शासित प्रदेश के मूल निवासियों के लिये संरक्षित रखना भी शामिल है.

share & View comments