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Wednesday, 24 April, 2024
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नेपाल, चीन ही नहीं बल्कि उत्तराखंड के रास्ते ही मानसरोवर जाएंगे भारतीय : गडकरी

केंद्रीय मंत्री ने संसद को बताया कि उनका विभाग 28 राजमार्गों का निर्माण कर रहा है जहां आपात स्थिति में विमान और हेलीकॉप्टर एम्बुलेंस भी उतर सकते हैं.

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नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने मंगलवार को संसद को जानकारी दी कि दिसंबर 2023 तक भारतीय नागरिक चीन या नेपाल के रास्ते से गुजरे बिना कैलाश मानसरोवर की यात्रा कर सकेंगे.

सड़क और राजमार्ग मामलों के मंत्री ने कहा कि उत्तराखंड के पिथौरागढ़ से एक नया मार्ग बनाया जा रहा है जो सीधे मानसरोवर तक ले जाएगा.

उन्होंने कहा कि उत्तराखंड से होकर जाने वाली यह सड़क न केवल यात्रा में लगने वाले समय में कटौती करेगी, बल्कि यह वर्तमान के दुरूह रास्ते के विपरीत एक आसान सफर की सुविधा प्रदान करेगी.

गडकरी ने संसद को यह भी बताया कि उनका मंत्रालय जम्मू-कश्मीर में सड़क संपर्क में वृद्धि कर रहा है, जिससे श्रीनगर और दिल्ली या मुंबई के बीच यात्रा के समय में काफी कमी आएगी. उन्होंने कहा कि इन परियोजनाओं की लागत लगभग 7,000 करोड़ रुपये है.

मंत्री ने आगे कहा, ‘चार सुरंगों – लद्दाख से कारगिल, कारगिल से जेड-मोड़, जेड-मोड़ से श्रीनगर और श्रीनगर से जम्मू – का निर्माण किया जा रहा है. जेड-मोड़ तैयार हो रहा है. जोजिला टनल में पहले से ही काम चल रहा है. वर्तमान में लगभग 1,000 कर्मचारी कार्य स्थल पर हैं. मैंने इस परियोजना को पूरा करने के लिए 2024 की समय सीमा दी है.’

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गडकरी ने यह भी बताया कि वर्तमान में निर्माणाधीन दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेसवे दिल्ली और श्रीनगर के बीच यात्रा के समय को कम कर केवल आठ घंटे तक कर देगा.

गडकरी ने संसद को बताया कि सड़क मंत्रालय राजमार्गों को 650 सड़क किनारे उपलब्ध कराई जाने वाली सुविधाओं से लैस करेगा. उन्होंने कहा: ‘हम 28 राजमार्गों को विकसित कर रहे हैं, जिनमें विमानों के लिए आपातकालीन लैंडिंग की सुविधा होगी. वहां ड्रोन भी उतर सकते हैं और दुर्घटना के मामले में कोई हेलीकॉप्टर एम्बुलेंस भी इसका उपयोग कर सकती है.’


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अन्य परियोजनाओं के बारे में विस्तार से बताते हुए, केंद्रीय राजमार्ग मंत्री ने कहा कि जहां भी रेल लाइन राष्ट्रीय राजमार्गों को पार करती है, वहां वह रोड ओवरब्रिज या आरओबी (सड़क के ऊपर से गुजरने वाला पुल) लगाएंगे. यह पहल ‘सेतु भारतम’ नमक परियोजना के तहत आती है, जो राष्ट्रीय राजमार्गों को रेलवे क्रॉसिंग से छुटकारा दिलाने के लिए चलाया जा रहा एक महत्वाकांक्षी कार्यक्रम है.

गडकरी ने कहा, ‘माननीया वित्त मंत्री ने हमें इस साल 1,600 करोड़ रुपये अतिरिक्त रूप से दिए हैं और हमने इसे ‘सेतु भारतम’ को आवंटित किया है. यदि आप में से किसी के निर्वाचन क्षेत्र में रोड ओवरब्रिज की आवश्यकता है, तो मुझे प्रस्ताव भेजें. हमलोग उसे वहां बनाएंगे.’

इससे पहले गडकरी सोमवार को विपक्षी नेताओं के निशाने पर आ गये थे, जिन्होंने सड़कों की ख़राब गुणवत्ता और बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं के लिए मंत्रालय की कड़ी आलोचना की थी.

(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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