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Saturday, 1 November, 2025
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आंध्र के काशीबुग्गा मंदिर में भगदड़ मचने से नौ लोगों की मौत, प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री ने जताया दुख

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(फोटो के साथ)

काशीबुग्गा (आंध्र प्रदेश), एक नवंबर (भाषा) श्रीकाकुलम जिले के काशीबुग्गा में वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर में शनिवार को भगदड़ मचने से आठ महिलाओं और एक लड़के समेत कम से कम नौ लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए।

आंध्र प्रदेश की गृह मंत्री वांगलापुडी अनीता ने कहा कि यह मंदिर निजी संपत्ति है और धर्मस्व विभाग के अधीन नहीं है, यहां आमतौर पर हर शनिवार को 1,500 से 2,000 श्रद्धालु आते हैं।

कार्तिक मास के साथ ही एकादशी का पर्व पड़ने से यह त्रासदी और भी बड़ी हो गई, क्योंकि इस दिन बड़ी संख्या में लोग एकत्र हुए थे।

मंत्री के अनुसार मंदिर पहली मंजिल पर ऊंचाई पर स्थित है और जब श्रद्धालु चढ़ रहे थे तो रेलिंग टूट गई, जिसके परिणामस्वरूप एक कोने पर खड़े लोग एक-दूसरे पर गिर पड़े।

इच्चापुरम के निकट धर्मपुरम गांव के एक जीवित बचे व्यक्ति ने बताया कि मंदिर तक पहुंचने का रास्ता संकरा है, जिसमें प्रवेश और निकास का केवल एक ही रास्ता है, जिसके कारण दोनों ओर श्रद्धालुओं की भीड़ जमा हो गई और अव्यवस्था फैल गई।

मृतकों में से कम से कम सात लोग 35-40 वर्ष की आयु के हैं।

आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने घटना पर दुख व्यक्त करते हुए कहा कि घटना की विस्तृत जांच की जाएगी।

श्री सत्य साईं जिले में एक सभा को संबोधित करते हुए नायडू ने आयोजकों पर पुलिस को पहले से सूचित न करने का आरोप लगाया, जिसके कारण पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था नहीं की जा सकी।

श्रीकाकुलम जिले के पुलिस अधीक्षक (एसपी) केवी महेश्वर रेड्डी ने कहा कि मंदिरों (या धार्मिक संस्थानों) के लिए यह अनिवार्य है कि वे कार्यक्रम आयोजित करते समय पुलिस से अनुमति लें, चाहे उनमें कितनी भी भीड़ क्यों न हो।

रेड्डी ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘यह निश्चित रूप से जन सुरक्षा अधिनियम के तहत अनिवार्य है। ऐसा नहीं है कि केवल 200 या 2,000 लोग ही हों। अगर 200 लोग भी आते हैं, तो वे हमें सूचित कर सकते हैं और हम स्थिति का आकलन करेंगे, उसके आधार पर बंदोबस्त करेंगे।’’

पुलिस ने आज उत्तर आंध्र जिले के अन्य मंदिरों को भी सुरक्षा प्रदान की, लेकिन एसपी ने कहा कि इस विशेष मंदिर के मालिक मुकुंद पांडा उन्हें सूचित करने में विफल रहे।

रेड्डी के अनुसार, पांडा ने बिना अपेक्षित अनुमति के मंदिर का निर्माण किया और उसे खोल दिया।

मंदिर का निर्माण कराने वाले 95 वर्षीय मुकुंद पांडा ने मीडिया को बताया कि उन्हें मंदिर में इतने सारे लोगों के आने की उम्मीद नहीं थी, क्योंकि उन्होंने पहले कभी इतनी ज्यादा भीड़ नहीं देखी थी।

इस बीच, एसपी ने कहा कि गैर इरादतन हत्या के तहत मामला दर्ज किया जा रहा है।

इससे पहले रेड्डी ने कहा, ‘‘नौ लोगों की मौत हुई है। एक व्यक्ति की हालत गंभीर है…उसकी मौत नहीं हुई है। बारह साल के एक लड़के की मौत हुई है। बाकी सभी मृतक महिलाएं हैं। यह एक निजी मंदिर है। यह कोई सरकारी मंदिर नहीं है। इसका निर्माण हाल में हुआ है।’’

पुलिस अधिकारी ने स्पष्ट किया कि यह घटना सीढ़ियों के पास रेलिंग गिरने के कारण हुई, जिसके कारण वहां भगदड़ मच गई।

उन्होंने कहा कि लोगों को लगा कि कुछ गिर रहा है और वे घबरा गए। उन्होंने कहा कि वे लगभग छह फुट की ऊंचाई से गिर पड़े। उन्होंने कहा कि क्योंकि यह हादसा छह फुट की ऊंचाई से हुआ था, एक व्यक्ति दूसरे पर गिर गया और इसी वजह से यह हादसा हुआ।

उन्होंने कहा, ‘‘यह पूरी तरह से एक दुर्घटना है और मालिक की गलती के कारण ऐसा हुआ है। उन्होंने पुलिस बंदोबस्त के लिए आवेदन नहीं किया था, इसके लिए कोई अनुमति भी नहीं ली गई थी।’’

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस हादसे पर दुख जताया और मृतकों के परिजनों को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से दो-दो लाख रुपये और घायलों को 2,000 रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की।

मोदी ने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम में स्थित वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर में भगदड़ मचने की घटना से दुखी हूं। अपने प्रियजन को खोने वाले लोगों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं। घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूं।’’

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी इस घटना पर दुख व्यक्त किया।

घटना पर दुख व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री नायडू ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘श्रीकाकुलम जिले के काशीबुग्गा वेंकटेश्वर मंदिर में हुई भगदड़ से मुझे बहुत दुख हुआ है। यह बहुत दुखद है कि इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना में श्रद्धालुओं की मौत हो गई। मैं पीड़ित परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हम इस घटना को गंभीरता से लेंगे। जो भी जिम्मेदार होगा, उसे हिरासत में लिया जायेगा और समुचित जांच की जायेगी।’’

एक श्रद्धालु ने कहा, ‘‘लोगों की धक्का-मुक्की के कारण हम नीचे गिर गए। स्टील की ग्रिल भी बहुत कमजोर थी। ग्रिल टूट गई, जिससे सहारा मिला था, और सब नीचे गिर गए। हम बीस लोग दो ऑटोरिक्शा में आए थे। मैं एक ऑटो चालक हूं। मैं भी दर्शन के लिए गया था। मैं वहीं था और वह लड़का (जिसकी मौत हुई) भी उन ग्रिल के नीचे था।’’

पलासा के एक सरकारी अस्पताल के चिकित्सक ने बताया कि लगभग 30 लोग चोटों और सांस लेने में तकलीफ के साथ आए थे। उन्होंने बताया कि कई लोगों के हाथ-पैर टूट गये और उन्हें प्राथमिक उपचार दिया गया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने अधिकारियों को घायलों के लिए बेहतर उपचार सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि उन्होंने अधिकारियों और स्थानीय नेताओं को भगदड़ स्थल पर राहत कार्यों की निगरानी करने के निर्देश दिए हैं।

भाषा

देवेंद्र माधव

माधव

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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