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Friday, 29 March, 2024
होमदेशभगवंत मान का निर्देश मिलते ही स्कूल-अस्पतालों की हालत जानने पहुंचे पंजाब के नवनिर्वाचित आप विधायक

भगवंत मान का निर्देश मिलते ही स्कूल-अस्पतालों की हालत जानने पहुंचे पंजाब के नवनिर्वाचित आप विधायक

पंजाब में मुख्यमंत्री की कुर्सी संभालने जा रहे भगवंत मान ने चुनावी जीत के बाद पहली बार विधायकों को संबोधित करने के दौरान उन्हें चंडीगढ़ के बजाये अपने निर्वाचन क्षेत्रों में अधिक समय बिताने का निर्देश दिया था. मान 16 मार्च को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे.

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चंडीगढ़: पंजाब के विधानसभा चुनावों में गुरुवार को शानदार सफलता हासिल करने वाली आम आदमी पार्टी—जिसने कुल 117 सीटों में से 92 पर जीत दर्ज की है—राज्य के लोगों को यह बताने में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती कि वह अपने चुनावी वादे पूरा करने को लेकर कितनी उत्सुक है.

पंजाब के कई नवनिर्वाचित आप विधायकों ने दिप्रिंट को बताया कि उन्होंने शनिवार को अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्रों में स्कूलों और अस्पतालों का दौरा किया और वहां के प्रमुख अधिकारियों से मुलाकात की. 16 मार्च को सरकार गठन से पहले का समय राज्य की राजधानी चंडीगढ़ में बिताने के बजाय उन्होंने वहां के रोजमर्रा के कामकाज के बारे में जानकारी ली.

विधायकों ने ये बात ऐसे समय कही है जबकि एक दिन पहले ही मुख्यमंत्री पद के लिए मनोनीत भगवंत मान ने चुनाव परिणाम आने के बाद विधायकों को अपने पहले संबोधन के दौरान उन्हें अपने निर्वाचन क्षेत्रों में अधिक समय बिताने का निर्देश दिया था. मान ने शुक्रवार को अपने संबोधन—जिसे पार्टी के सोशल मीडिया हैंडल पर लाइव दिखाया गया—में विधायकों से अन्य राज्यों की तरफ से मिलने वाले सुझावों पर गौर करने के लिए तैयार रहने को भी कहा. मनोनीत मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि सीएम को छोड़कर 17 कैबिनेट पद होंगे लेकिन किसकी क्या भूमिका होगी, इसका खुलासा करने से परहेज किया.

इससे पहले शुक्रवार को भगवंत मान आप के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल से मिलने दिल्ली पहुंचे थे. पार्टी ने तब घोषणा की थी कि दोनों नेता 13 मार्च को एक विजय रैली में हिस्सा लेंगे और मान 16 मार्च को पंजाब के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ग्रहण करेंगे.

इसके बाद, मान सरकार बनाने का अपना दावा पेश करने के लिए शनिवार को पंजाब के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित से मिले. शपथ ग्रहण से पहले उन्होंने नौकरशाहों और शीर्ष पुलिस अधिकारियों के एक समूह से भी मुलाकात की है.

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केजरीवाल ने दिया ‘कोई भेदभाव’ न करने का संदेश

अमलोह सीट से आप के विधायक गुरिंदर सिंह ने शनिवार को दिप्रिंट से कहा, ‘हमने अपने निर्वाचन क्षेत्रों में स्कूलों और अस्पतालों का दौरा शुरू कर दिया है. वे स्पष्ट तौर पर बदतर स्थिति में हैं. हमने उनकी जिम्मेदारी संभालने वाले अधिकारियों से भी मुलाकात की है और इस पर चर्चा की कि समस्याएं जल्द से जल्द दूर करने के लिए क्या कदम उठाए जाने की जरूरत है.’

दिप्रिंट ने जिन और भी कई विधायकों से संपर्क साधा, उन्होंने भी इसी तरह की बात कही.

भदौर से पार्टी विधायक लाभ सिंह उगोके ने कहा, ‘हमारा प्राथमिक चुनावी मुद्दा स्कूलों और अस्पतालों की हालत में सुधार करने का रहा है और हम इन क्षेत्रों में काम शुरू करने में कोई समय बर्बाद नहीं करना चाहते.’

भगवंत मान ने शुक्रवार को मोहाली के एक प्रमुख होटल में विधायकों को दिए अपने पहले भाषण में कहा था, ‘सभी विधायकों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वे उन क्षेत्रों से अधिक काम करें जहां से चुने गए है. अपने निर्वाचन क्षेत्रों में अधिक से अधिक समय बिताएं न कि चंडीगढ़ (पंजाब की राजधानी) में. यदि कोई समस्या है जिसे हल करना आवश्यक है, तो अधिकारियों को साथ लेकर जाएं.’

मान ने गुरुवार को यह संकेत भी दिया था कि वह चंडीगढ़ स्थित राजभवन में नहीं बल्कि महान स्वतंत्रता सेनानी भगत सिंह के पैतृक गांव खटकरकलां गांव में मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे.

मान के संबोधन के बाद जब आप विधायक होटल से निकले, तो कई ने कहा कि वे तुरंत अपने निर्वाचन क्षेत्रों के लिए रवाना हो जाएंगे. ऐसे कम से कम 12 विधायकों, जिन्होंने बैठक से पहले दिप्रिंट को बताया था कि चंडीगढ़ में रात बिताएंगे, ने बाद में अपना फैसला बदल दिया, और इसे उन्होंने ‘हाईकमान’ का निर्देश बताया.

मान ने विधायकों को यह भी बताया था कि कैसे राज्यों के साथ मिलकर काम करने की जरूरत है.

उन्होंने अपने संबोधन में कहा, ‘जब हम सरकार में होते हैं, तो हमें कई राज्यों की तरफ से सुझाव मिलते रहते हैं—मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल आदि और दिल्ली से भी आइडिया मिलेंगे. हमें उन विचारों के प्रति खुला रहना चाहिए. हमें याद रखना चाहिए कि हम एक राष्ट्र हैं.’

उन्होंने कहा था, ‘अरविंद केजरीवाल का हमारे लिए एक संदेश है—हमें किसी भी तरह के भेदभाव में नहीं पड़ना है. राज्य सरकार में 17 कैबिनेट मंत्रालय हैं जो स्कूलों, अस्पतालों, बिजली, उद्योग आदि को देखते हैं और फिर मुख्यमंत्री का पद है. जिन विधायकों को मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिली है, उन्हें निराश नहीं होना चाहिए. हमारे शासन मॉडल में सभी विधायकों को मंत्रियों की तरह जिम्मेदारी दी जाएगी.’

(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.)


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