scorecardresearch
Thursday, 28 March, 2024
होमदेशस्वास्थ्य की जांच कराने पटियाला के अस्पताल पहुंचे नवजोत सिंह सिद्धू, डाइट को लेकर थे सवाल

स्वास्थ्य की जांच कराने पटियाला के अस्पताल पहुंचे नवजोत सिंह सिद्धू, डाइट को लेकर थे सवाल

क्रिकेटर से राजनेता बने सिद्धू के वकील एचपीएस वर्मा ने बताया कि सिद्धू ने जेल में विशेष आहार की मांग की है और डॉक्टरों का एक बोर्ड अस्पताल में सिद्धू की गहन स्वास्थ्य जांच करेगा.

Text Size:

नई दिल्ली: वर्ष 1988 के ‘रोड रेज’ मामले में पटियाला केंद्रीय कारागार में एक साल की जेल की सजा काट रहे कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू को सोमवार सुबह भारी सुरक्षा के बीच स्वास्थ्य जांच के लिए पटियाला के राजिंद्र अस्पताल ले जाया गया. आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी.

क्रिकेटर से राजनेता बने सिद्धू के वकील एचपीएस वर्मा ने बताया कि सिद्धू ने जेल में विशेष आहार की मांग की है और डॉक्टरों का एक बोर्ड अस्पताल में सिद्धू की गहन स्वास्थ्य जांच करेगा.

वर्मा ने फोन पर कहा, ‘डॉक्टरों का बोर्ड यह देखेगा कि किस विशेष आहार की जरूरत है और फिर वह स्थानीय अदालत (पटियाला) में अपनी रिपोर्ट पेश करेगा.’

वकील के मुताबिक, सिद्धू गेहूं, चीनी, मैदा और कुछ अन्य खाद्य पदार्थों का सेवन नहीं कर सकते. उन्होंने कहा, ‘वह जामुन, पपीता, अमरूद, डबल टोंड दूध और ऐसे खाद्य पदार्थ ले सकते हैं, जिनमें फाइबर और कार्बोहाइड्रेट न हो.’

वर्मा ने बताया कि डॉक्टरों का बोर्ड स्वास्थ्य जांच करने के बाद मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में एक रिपोर्ट पेश करेगा.

अच्छी पत्रकारिता मायने रखती है, संकटकाल में तो और भी अधिक

दिप्रिंट आपके लिए ले कर आता है कहानियां जो आपको पढ़नी चाहिए, वो भी वहां से जहां वे हो रही हैं

हम इसे तभी जारी रख सकते हैं अगर आप हमारी रिपोर्टिंग, लेखन और तस्वीरों के लिए हमारा सहयोग करें.

अभी सब्सक्राइब करें

58 वर्षीय सिद्धू ‘एम्बोलिज्म’ और यकृत की बीमारी से पीड़ित हैं. वर्ष 2015 में उन्होने दिल्ली के एक अस्पताल में एक्यूट डीप वेन थ्रम्बोसिस (डीवीटी) का इलाज भी कराया था. डीवीटी नस में रक्त के थक्के जमने के कारण होता है, जो रक्त प्रवाह में बाधा डालते हैं.

सिद्धू को अस्पताल ले जाए जाने के बाद कांग्रेस के कई समर्थक वहां पहुंचे.

पंजाब कांग्रेस के पूर्व प्रमुख सिद्धू को 20 मई को एक स्थानीय अदालत के समक्ष समर्पण करने के बाद पटियाला केंद्रीय कारागार भेज दिया गया था. 1988 के ‘रोड रेज’ मामले में उच्चतम न्यायालय ने उन्हें एक साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है. इस घटना में गुरनाम सिंह नामक 65 वर्षीय व्यक्ति की मौत हो गई थी.


यह भी पढ़े: क्वाड चुनौतियों का सागर है, नौसेना को अंग्रेजों के जहाज डुबोने वाले मराठा सरखेल से सीख लेनी चाहिए


 

share & View comments