मुंबई, 27 सितंबर (भाषा) राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) की नेता सुप्रिया सुले ने शुक्रवार को कहा कि उनकी लड़ाई तब तक खत्म नहीं होगी जब तक वह अपने पिता शरद पवार की बनाई पार्टी और चुनाव चिह्न उन्हें वापस नहीं दिला देतीं।
शरद पवार की पार्टी राकांपा पिछले साल जुलाई में तब टूट गई थी जब अजित पवार और आठ विधायक एकनाथ शिंदे सरकार में शामिल हो गए थे। बाद में निर्वाचन आयोग ने उपमुख्यमंत्री के नेतृत्व वाले गुट को पार्टी का नाम और चुनाव चिह्न ‘घड़ी’ दे दी, जबकि शरद पवार के गुट का नाम राकांपा (एसपी) रखा गया और उसे चुनाव चिह्न ‘तुतारी बजाता हुआ आदमी’ आवंटित किया गया।
सुले ने उत्तर पूर्व मुंबई के अणुशक्ति नगर में महा विकास अघाडी की रैली को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘मेरी लड़ाई तब तक खत्म नहीं होगी जब तक मैं पवार साहब को उनकी बनाई पार्टी और उनका चुनाव चिह्न वापस नहीं दिला देती।’’
उन्होंने सत्तारूढ़ गठबंधन पर कटाक्ष करते हुए कहा, ‘‘ उन लोगों का क्या हुआ जिन्हें नवाब मलिक से एलर्जी थी।’’ मलिक अणुशक्ति नगर से मौजूदा विधायक हैं और उन्होंने अजित पवार के नेतृत्व वाले गुट को अपना समर्थन दिया है।
मलिक को फरवरी 2022 में प्रवर्तन निदेशालय ने भगोड़े गैंगस्टर दाऊद इब्राहिम की बहन की मदद से यहां कुर्ला में एक संपत्ति हड़पने के आरोप में गिरफ्तार किया था। मलिक को पिछले साल जमानत पर रिहा किया गया था।
मलिक की सत्तारूढ़ गठबंधन के प्रति नजदीकी पर निराशा व्यक्त करते हुए सुले ने कहा, ‘‘ जब मैं नवाब भाई को भाजपा के साथ देखती हूं मुझे दुख होता है। जिस पार्टी ने आपको जेल में डाला, आपने उसी से हाथ मिला लिया?’’
सुले ने कहा कि (अविभाजित) राकांपा ने मलिक को जेल में रहने के दौरान, अदालती सुनवाई के दौरान और विभिन्न बीमारियों के कारण अस्पताल में भर्ती रहने के दौरान पूरा सहयोग दिया था।
बारामती से लोकसभा सांसद ने कहा, ‘‘ मैंने नवाब भाई की पत्नी और उनके बच्चों के आंसू देखे हैं। नवाब भाई भाजपा द्वारा उनके साथ किए गए अन्याय को भूल गए होंगे, लेकिन मैं नहीं भूली हूं।’’
समाजवादी पार्टी के नेता अबू आजमी और कांग्रेस के राज्यसभा सांसद चंद्रकांत हंडोरे ने भी सभा को संबोधित किया।
भाषा शोभना पवनेश
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