कोच्चि, 29 नवंबर (भाषा) मुनंबम में वक्फ द्वारा दावा की गई जमीन को लेकर स्थानीय लोगों द्वारा की जा रही क्रमिक भूख हड़ताल 30 नवंबर को समाप्त होगी। प्रदर्शनकारियों के प्रतिनिधियों ने यह जानकारी दी।
मुनंबम भूमि संरक्षण परिषद, जो इस मुद्दे से प्रभावित लगभग 600 स्थानीय परिवारों का प्रतिनिधित्व करती है, ने शनिवार को कहा कि केरल उच्च न्यायालय द्वारा राज्य सरकार को मामले के निस्तारण तक उनसे भूमि कर स्वीकार करने के हालिया निर्देश के बाद विरोध प्रदर्शन वापस लिया जा रहा है।
भूमि संरक्षण परिषद के सदस्यों ने बताया कि मुनंबम में पिछले 413 दिनों से आंदोलन जारी है।
परिषद के एक सदस्य जोसेफ रॉकी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘राज्य सरकार ने आश्वासन दिया है कि राजस्व विभाग द्वारा जमीन पर कब्जा देने सहित बाकी सभी प्रक्रियाएं जल्द ही पूरी कर ली जाएंगी, इसलिए हमने फिलहाल विरोध प्रदर्शन समाप्त करने का फैसला किया है।’’
हालांकि, उन्होंने कहा कि अगर आश्वासन पूरे नहीं हुए तो आंदोलन फिर से शुरू किया जाएगा।
इस बीच, हड़ताल खत्म करने के फैसले को लेकर प्रदर्शनकारियों में मतभेद उभर आए हैं।
एक अन्य गुट ने जमीन का पूर्ण स्वामित्व सुनिश्चित होने तक आंदोलन जारी रखने का फैसला किया है। हड़ताल वापस लेने के फैसले का विरोध कर रहे अन्य गुट के एक सदस्य फिलिप ने पत्रकारों को बताया कि रविवार से प्रदर्शन का एक नया चरण शुरू होगा।
उन्होंने कहा, ‘‘हमें केवल अस्थायी रूप से भूमि कर का भुगतान करने की अनुमति दी गई है। मूल मुद्दा अब भी अनसुलझा है। हम आंदोलन जारी रखेंगे, जब तक हमारी सभी चिंताओं का समाधान नहीं हो जाता।’’
वहीं, मुनंबम भूमि संरक्षण परिषद ने दावा किया कि आंदोलन जारी रखने वाले लोग भाजपा से जुड़े हुए हैं।
रॉकी ने कहा, ‘‘हमने कोर कमेटी की बैठक के बाद हड़ताल समाप्त करने का फैसला किया। जो लोग हड़ताल जारी रखने की बात कह रहे हैं, वे हमारे विरोध प्रदर्शन में कभी सक्रिय नहीं थे।’’
यह मामला मुनंबम में 404 एकड़ जमीन से जुड़ा है, जिस पर हाल के वर्षों में वक्फ की जमीन होने का दावा किया गया था।
सरकार ने विवादित जमीन पर रहने वाले परिवारों से भूमि कर लेना बंद कर दिया है।
भाषा शफीक सुभाष
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