मुंबई, 30 अक्टूबर (भाषा) मुंबई के पवई इलाके में बृहस्पतिवार को एक स्टूडियो के अंदर बंधक बनाए गए 17 बच्चों और दो व्यक्तियों को मुक्त करा लिया गया और इस अभियान के दौरान पुलिस गोलीबारी में घायल हुए आरोपी ने बाद में अस्पताल में दम तोड़ दिया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
बच्चों को बंधक बनाने के आरोपी की पहचान 50 वर्षीय रोहित आर्य के रूप में हुई।
एक अधिकारी ने बताया कि आर्य पर पुलिस ने उस समय गोली चलाई जब वह ‘एयर गन’ से बच्चों को नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रहा था। उन्होंने बताया कि बाद में अस्पताल में आर्य की मौत हो गई।
घटना के बारे में जब अमरावती में पत्रकारों ने पूछा तो महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि जल्द ही विस्तृत जानकारी साझा की जाएगी। उनके पास गृह विभाग भी है।
पुलिस उपायुक्त दत्ता नलावडे ने बताया, ‘‘दोपहर करीब डेढ़ बजे पवई पुलिस थाने को सूचना मिली कि महावीर क्लासिक बिल्डिंग में एक व्यक्ति ने 17 बच्चों को बंधक बना लिया है। मुंबई पुलिस की टीम ने बचाव अभियान चलाया और सभी बच्चों को सुरक्षित मुक्त करा लिया। बच्चों को मुक्त कराने के अभियान के दौरान आरोपी घायल हो गया, जिसे तुरंत अस्पताल ले जाया गया और बाद में उसे मृत घोषित कर दिया गया।’’
संयुक्त पुलिस आयुक्त (कानून-व्यवस्था) सत्यनारायण ने कहा, ‘‘सभी बच्चे सुरक्षित हैं।’’
बृहस्पतिवार दोपहर एलएंडटी बिल्डिंग के पास आर ए स्टूडियो में एक घंटे से ज्यादा समय तक नाटकीय स्थिति बनी रही।
अधिकारी के अनुसार, आर्य ने लगभग 15 वर्ष की आयु के लड़कों और लड़कियों को एक वेब सीरीज के ‘ऑडिशन’ के लिए बुलाया था।
उन्होंने बताया कि आर्य के पास एक ‘एयर गन’ और कुछ रसायन भी थे।
शुरुआत में पुलिस ने यह नहीं बताया कि अभियान के दौरान गोलीबारी हुई थी। अधिकारियों ने बताया कि शाम 5:15 बजे आर्य को मृत घोषित किया गया।
पुलिस उपायुक्त दत्ता नलावडे ने बताया कि पुलिस को सूचना मिली कि महावीर क्लासिक बिल्डिंग में आर ए स्टूडियो के अंदर एक व्यक्ति ने बच्चों को बंधक बना लिया है।
उन्होंने बताया कि पवई पुलिस के अधिकारी त्वरित प्रतिक्रिया दल (क्यूआरटी), बम निरोधक दस्ते और दमकल विभाग की एक टीम के साथ मौके पर पहुंचे।
पुलिस के स्टूडियो में घुसने से पहले, आर्य ने एक वीडियो जारी किया जो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।
आर्य ने कहा, ‘‘मैं रोहित आर्य हूं। आत्महत्या करने के बजाय, मैंने एक योजना बनाई और कुछ बच्चों को बंधक बना लिया… मेरी बहुत ही साधारण मांगें हैं। बहुत ही नैतिक मांगें।’’
उसने कहा, ‘‘मेरे कुछ सवाल हैं। मैं कुछ लोगों से बात करना चाहता हूं और उनके जवाबों के आधार पर, अगर कोई प्रति-प्रश्न हों, तो मैं उनसे पूछना चाहता हूं। लेकिन मुझे ये जवाब चाहिए। मुझे और कुछ नहीं चाहिए। मैं कोई आतंकवादी नहीं हूं, न ही मेरी पैसों की कोई मांग है। मैं साधारण बातचीत करना चाहता हूं।’’
आर्य ने कहा, ‘‘तुम्हारी तरफ से जरा सी भी गलती मुझे इस पूरी जगह को आग लगाने के लिए मजबूर कर सकती है… मैं मरूं या न मरूं, बच्चों को बेवजह चोट पहुंचेगी… मुझे जिम्मेदार नहीं ठहराया जाना चाहिए।’’
आर्य ने कहा कि ‘‘बातचीत’’ के बाद, वह कमरे से बाहर आ जाएगा।
आर्य ने कहा कि ‘‘बहुत से लोगों को ये समस्याएं होती हैं’’ और वह बातचीत के जरिए समाधान सुझाएगा, हालांकि उसने यह नहीं बताया कि वह किन समस्याओं के बारे में बात कर रहा था।
पुलिस उपायुक्त ने बताया कि पुलिस ने आर्य से बातचीत करने की कोशिश की, लेकिन जब बातचीत में कोई प्रगति नहीं हुई, तो पुलिस की टीम बाथरूम के रास्ते स्टूडियो में घुसी।
अग्निशमन विभाग ने पुलिस को पहली मंजिल की खिड़की तक चढ़ने के लिए एक सीढ़ी उपलब्ध कराई।
नलावडे ने बताया कि 17 बच्चों, एक वरिष्ठ नागरिक और एक अन्य व्यक्ति को मुक्त करा लिया गया।
भाषा शफीक नरेश
नरेश
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