कोहिमा, 10 सितंबर (भाषा) नगालैंड सरकार ने नगा राजनीतिक मुद्दे पर विचार-विमर्श के लिए बृहस्पतिवार को मंत्रियों, सांसदों और अन्य हितधारकों की एक बैठक बुलाई है। यह जानकारी एक आधिकारिक अधिसूचना से मिली।
यह बैठक पूर्वाह्न 10 बजे यहां स्थित मुख्यमंत्री आवास पर होगी।
अधिसूचना में कहा गया है कि बैठक में मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री, विधानसभा अध्यक्ष, राज्य के सांसद और सभी विधायक मौजूद रहेंगे।
राज्य सरकार ने सेंट्रल नगालैंड ट्राइब्स काउंसिल, ईस्टर्न नगालैंड पीपुल्स ऑर्गनाइजेशन, तेन्यीमी यूनियन नगालैंड, नगा स्टूडेंट्स फेडरेशन और अन्य संगठनों के अध्यक्ष एवं दो प्रतिनिधियों से भी बैठक में भाग लेने का आग्रह किया है।
एक अधिकारी ने बताया कि नगालैंड की राजनीतिक मामलों की समिति (पीएसी) ने 28 अगस्त को इस जटिल मुद्दे पर चर्चा की थी और शीर्ष आदिवासी निकायों और नागरिक समाज संगठनों के साथ परामर्श बैठकें आयोजित करने का निर्णय लिया था। पीएसी में राज्य के विधायक और सांसद शामिल हैं।
पीएसी का नेतृत्व मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो कर रहे हैं।
अधिकारी ने कहा कि दशकों पुराने नगा राजनीतिक मुद्दे का समाधान राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है और जल्द समाधान के लिए आगे के कदम पर विचार-विमर्श के लिए सार्वजनिक परामर्श बैठकें आयोजित की जाएंगी।
भारत सरकार और नगा राजनीतिक समूहों ने 1997 में संघर्ष विराम समझौता किया था और दशकों पुरानी राजनीतिक समस्या के समाधान के लिए विभिन्न समूहों से अलग-अलग बातचीत भी की थी।
केंद्र सरकार ने लगभग 70 दौर की वार्ता के बाद 2015 में एनएससीएन-आईएम के साथ एक मसौदा समझौता किया था और 2017 में नगा राष्ट्रीय राजनीतिक समूहों की कार्य समिति (डब्ल्यूसी एनएनपीजी) के साथ ‘सहमति वाली स्थिति’ (एग्रीड पोजिशन) पर भी हस्ताक्षर किए थे।
अक्टूबर 2019 में, नगा शांति वार्ता के लिए तत्कालीन केंद्रीय वार्ताकार और नगालैंड के राज्यपाल आर एन रवि ने घोषणा की थी कि वार्ता पूरी हो गई है।
हालांकि, केंद्र ने नगाओं के अलग झंडे और संविधान की एनएससीएन-आईएम की मांग को स्वीकार नहीं किया है।
भाषा अमित अविनाश
अविनाश
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