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Friday, 19 April, 2024
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मणिपुर के ग्रामीणों ने पूछा: हालात कब सामान्य होंगे

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(त्रिदीप लहकर)

(तस्वीर के साथ)

संगैथेल/साहीबुंग (मणिपुर), 31 मई (भाषा) मणिपुर में भीषण जातीय हिंसा के बाद कुकी और मेइती समुदाय के ग्रामीण अपनी जिंदगी फिर से शुरू कर रहे हैं, लेकिन उनके मन में सिर्फ एक सवाल है कि सामान्य हालात कब लौटेंगे?

अधिकतर लोगों के लिए सामान्य हालात का मतलब है कि वह मणिपुर के अन्य लोगों के साथ बिना किसी परेशानी के बातचीत कर सकें, भले ही वे किसी भी जनजाति से संबंधित हों तथा फिल्म देखने के लिए दूसरे जिले जा सकें और इनके मन में यह डर न हो कि सिनेमाघर को आग लगाई जा सकती है।

इंफाल पश्चिम जिले के संगैथेल गांव के निवासी एन सुनदीप मेइती ने पीटीआई-भाषा से कहा, “ राजनीतिक नेताओं को मिलाप की दिशा में काम करने की जरूरत है…तभी शांति आएगी और सभी अपने घरों में सो पाएंगे। नहीं तो इस उन्माद का कोई अंत नहीं होगा।”

सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के पूर्व कर्मी एल बिमोल मेइती ने कहा कि उनका गांव संगैथेल कुकी जनजाति समुदाय के गांव से सटा हुआ है और हिंसा शुरू होने से पहले, दोनों पक्षों के एक-दूसरे से सौहार्दपूर्ण संबंध थे।

उन्होंने कहा, “दोनों जनजातियों के बीच व्यापार होता था। तीन मई के बाद से डर का माहौल है क्योंकि आसपास कुछ जगहों पर हमले हुए हैं। इसलिए अब संपर्क बंद हो गया है।”

पड़ोस के साहीबुंग के कुकी जनजातीय गांव के प्रधान एस अथंग हाओकिप ने कहा कि हिंसा से उनका परिवार प्रभावित हुआ और दंगों की पहली रात को उन्हें अपने घर छोड़कर जंगलों में छुपना पड़ा।

उन्होंने कहा, “ सेना के आने के बाद हमने राहत की सांस ली और सुरक्षा महसूस की। लेकिन मुझे नहीं पता कि ऐसा कब तक चलेगा। सेना के जाने के बाद क्या स्थिति होगी, यह तो समय ही बताएगा।”

हाओकिप ने कहा कि गांव में उनके और अन्य पड़ोसियों के घरों को संगैथेल या आसपास की किसी अन्य मेइती बस्ती के लोगों ने नहीं, बल्कि दूर के स्थानों से आये हमलावरों ने आग लगाई थी।

ग्राम प्रधान ने कहा, “कुकी समुदाय के लोगों को कहीं नहीं जाना है। मेइती समुदाय की भी यही स्थिति है। … अगर सेना के जाने के बाद भी हिंसा जारी रही, तो हमारे पास लड़ने के अलावा कोई चारा नहीं होगा।’’

उन्होंने कहा, “ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार कहती है कि वह ‘डबल इंजन’ की सरकार है और वह कुछ भी कर सकती है। इतनी तेज और मजबूत सरकार के पास समाधान होगा… जब तक कोई समाधान नहीं होगा, यह युद्ध चलता रहेगा।’

हाओकिप ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की यात्रा से समस्या का समाधान होने की उम्मीद जताते हुए केंद्र सरकार से आग्रह किया कि सामान्य हालात बहाल करने के लिए उसे हर संभव प्रयास करने चाहिए।

बिमोल मेइती नामक एक व्यक्ति ने कहा कि दोनों समुदायों के बीच संवाद होना चाहिए और राज्य या केंद्र सरकार को इस दिशा में पहल करनी चाहिए।

भाषा नोमान देवेंद्र

देवेंद्र

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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