scorecardresearch
Friday, 19 April, 2024
होमदेशलखीमपुर खीरी मामला: हथियारों से गोली चलने की पुष्टि, पत्रकार का भाई आशीष समेत 14 आरोपियों के खिलाफ पहुंचा कोर्ट

लखीमपुर खीरी मामला: हथियारों से गोली चलने की पुष्टि, पत्रकार का भाई आशीष समेत 14 आरोपियों के खिलाफ पहुंचा कोर्ट

बरामद की गई राइफल आशीष की थी वहीं, पिस्तौल अंकित दास की और रिपीटर गन उसके सुरक्षाकर्मी लतीफ की थी और इन सभी से गोली चलने की पुष्टि हुई है.

Text Size:

लखीमपुर खीरी: उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी मामले में फोरेंसिक लैब की रिपोर्ट में मुख्य अभियुक्त और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा की राइफल और दो अन्य हथियारों से गोली चलाए जाने की पुष्टि हुई है.

गौरतलब है कि पिछले तीन अक्टूबर को लखीमपुर खीरी के तिकोनिया क्षेत्र में किसानों के प्रदर्शन के दौरान केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के बेटे आशीष मिश्रा ने किसानों पर अपनी गाड़ी चढ़ा दी और इस दौरान गोलियां भी चलाई गईं थीं. इस घटना में चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत हुई थी.

पिछले नौ अक्टूबर को आशीष और उसके बाद गिरफ्तार किए गए अंकित दास, सत्य प्रकाश और लतीफ काले के पास से लाइसेंसी राइफल, पिस्तौल, रिवाल्वर और रिपीटर गन बरामद की गई थी. इन हथियारों को 15 अक्टूबर को फोरेंसिक लैब में जांच के लिए भेजा गया था.

एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि चारों हथियारों की फॉरेंसिक जांच से इस बात की पुष्टि हुई है कि आशीष की राइफल समेत तीन हथियारों से गोली चलाई गई थीं. हालांकि रिपोर्ट में इस बात की पुष्टि नहीं हुई है कि गोली किस वक्त चलाई गई. अंकित दास के सहयोगी सत्य प्रकाश की रिवाल्वर की जांच रिपोर्ट का अभी इंतजार किया जा रहा है.

उन्होंने बताया कि बरामद की गई राइफल आशीष की थी वहीं, पिस्तौल अंकित दास की और रिपीटर गन उसके सुरक्षाकर्मी लतीफ की थी और इन सभी से गोली चलने की पुष्टि हुई है.

अच्छी पत्रकारिता मायने रखती है, संकटकाल में तो और भी अधिक

दिप्रिंट आपके लिए ले कर आता है कहानियां जो आपको पढ़नी चाहिए, वो भी वहां से जहां वे हो रही हैं

हम इसे तभी जारी रख सकते हैं अगर आप हमारी रिपोर्टिंग, लेखन और तस्वीरों के लिए हमारा सहयोग करें.

अभी सब्सक्राइब करें

हालांकि इस मामले की जांच कर रहे विशेष जांच दल ने फोरेंसिक लैब की रिपोर्ट के बारे में आधिकारिक तौर पर कुछ भी कहने से मना किया है.


यह भी पढ़ें: लखीमपुर खीरी घटना में केंद्रीय गृहमंत्री के बेटे की जमानत याचिका पर सुनवाई 15 नवंबर तक टली


‘SIT जांच में स्पष्ट हुआ, रमन की मौत गाड़ी से कुचले जाने से हुई’

उधर, लखीमपुर वारदात में मारे गए स्थानीय पत्रकार रमन कश्यप के भाई पवन ने मंगलवार को जिला अदालत में एक वाद दायर कर केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र और उनके बेटे आशीष समेत 14 लोगों के खिलाफ अपने भाई की हत्या के आरोप में मुकदमा दर्ज करने का आदेश देने का आग्रह किया है. इस याचिका पर 15 नवंबर को सुनवाई होगी.

पवन ने आरोप लगाया है कि उनके भाई रमन तीन अक्टूबर को तिकोनिया में किसानों के प्रदर्शन की कवरेज कर रहे थे, इसी दौरान दोपहर करीब तीन बजे एक तेज रफ्तार गाड़ी ने उनके भाई को कुचल दिया जिससे उनकी मौत हो गई. पवन का आरोप है कि गृह राज्य मंत्री अजय कुमार को छोड़कर बाकी सभी अभियुक्त उस थार जीप समेत दो अन्य गाड़ियों में सवार थे जिनसे किसानों को कुचला गया.

पवन ने दावा किया कि एसआईटी की जांच में यह स्पष्ट हो गया है कि उनके भाई की मौत किसानों द्वारा पीटे जाने से नहीं बल्कि गाड़ी से कुचले जाने के कारण हुई, ऐसे में सभी 14 आरोपी रमन की मौत के लिए जिम्मेदार हैं.

पवन ने कहा कि उन्होंने इस मामले में मुकदमा दर्ज करने के लिए थाने में तहरीर दी थी लेकिन पुलिस ने उस पर कोई कार्रवाई नहीं की.

तिकोनिया इलाके में पिछले तीन अक्टूबर को हुई हिंसा के मामले में बहराइच के निवासी जगजीत सिंह द्वारा दर्ज कराए गए मुकदमे में आरोप लगाया गया है कि यह पूरा मामला केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा और उनके बेटे आशीष की सुनियोजित साजिश का परिणाम है. मुकदमे में कहा गया है कि किसान तीन अक्टूबर को केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के पैतृक गांव में आयोजित एक समारोह में शिरकत करने जा रहे उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को काले झंडे दिखाने के लिए महाराजा अग्रसेन इंटर कॉलेज के मैदान में एकत्र हुए थे. दोपहर लगभग तीन बजे आशीष मिश्रा अपने 15-20 सशस्त्र लोगों के साथ तेज रफ्तार गाड़ियों से आए और प्रदर्शन स्थल पर पहुंचकर आशीष ने फायरिंग की. वह अपनी गाड़ी में बैठे थे जिससे आगे जाकर किसानों को रौंदा गया.

मुकदमे में आरोप लगाया गया है कि गोली चलाई जाने से बहराइच के नानपारा निवासी किसान गुरविंदर सिंह के बेटे सुखविंदर की मौत हो गई.

हालांकि सुखविंदर केशव के दो बार हुए पोस्टमार्टम में उसे गोली लगने की पुष्टि नहीं हुई.

बता दें कि इस मामले में आशीष समेत अब तक 13 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा ने अपने बेटे पर लगे आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा है कि वह उस वक्त मौका-ए-वारदात पर नहीं थे.


यह भी पढ़ें: ललितपुर में पीड़ित किसान परिवारों से मिली प्रियंका, कहा- अत्याचार कर रही है BJP सरकार


 

share & View comments