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Monday, 22 April, 2024
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मजदूर ने मुंबई से यूपी तक की 1600 किमी की दूरी तय की, घर से महज 30 किमी दूरी पर हुई मौत, जांच में कोरोना पॉजिटिव आया

राम कृपाल मुंबई से चार दिन पहले ट्रक से चले थे. वह अपने गांव हैंसर, संत कबीर नगर उत्तर प्रदेश के करीब पहुंच भी गए थे लेकिन घर से महज 30 किलोमीटर दूर उनकी मौत हो गई.

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संत कबीर नगर/उत्तर प्रदेश: मुंबई से चार दिन पहले अपने गांव हैंसर के लिए चले 68 वर्षीय राम कृपाल की घर पहुंचने के महज़ तीस किलोमीटर पहले ही मौत हो गई. वह मुंबई से ट्रक से चले थे. उनकी हालत लखनऊ-गोरखपुर हाईवे के पास आकर खराब हुई. वह जैसे ही ट्रक से खलीलाबाद बाईपास पर उतरे लेकिन चंद कदम ही चले होंगे कि वह लड़खड़ा के गिर पड़े, वहां मौजूद प्रशासन और पुलिस के लोग उन्हें जिला अस्पताल संत कबीर नगर ले गए जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया. बुधवार को राम कृपाल की कोरोना जांच पॉजिटिव निकली है.

रामकृपाल की तबियत लखनऊ-गोरखपुर हाईवे के पास आकर खराब हुई. वो ट्रक से खलीलाबाद बाई पास पर उतारे जाने के बाद संत कबीर नगर की जेल में कोविड-19 की हो रही स्क्रीनिंग के लिए जा रहे थे.

मंगलवार को हमने इस हाईवे पर हजारों मजदूरों को जाते देखा. उनमें से सैंकड़ों मजदूर हाईवे से होते हुए स्क्रीनिंग के लिए संत कबीर नगर की जेल में जा रहे थे. राम कृपाल भी इन्हीं मजदूरों में से एक थे.

 पीने के लिए पानी मांगा 

एक पुलिसकर्मी जिन्होंने राम कृपाल को गिरते हुए देखा, दिप्रिंट को बताया, ‘जैसे ही वो गिरे उन्हें तुरंत अस्पताल भर्ती कराया गया. उनके पास कोई सामान तो नहीं दिखा लेकिन एक खाली पानी की बोतल और एक दवाई थी. राम कृपाल के साथ आ रहे कई लोग बताते हैं कि गिरने से पहले उन्होंने पानी मांगा था.’


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जिला अस्पताल में उनका पोस्टमॉर्टम किया गया और साथ ही उनके कोरोना सैंपल जांच के लिए भेजे गए. उसके बाद उनकी लाश को सैनिटाइज किया गया और एक शीट में लपेट दिया गया और उनके बेटे के साथ एंबुलेस में रखकर उनके गांव हैंसर के लिए रवाना किया गया. उनके बेटे सुरेंद्र अपने पिता की मौत की खबर सुनकर तुरंत अस्पताल पहुंच गए थे और पीपीई किट पहनने के बाद उनके अंतिम संस्कार में शामिल हुए.

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दिप्रिंट की टीम राम कृपाल की अस्पताल से अंतिम संस्कार तक की यात्रा को फॉलो किया. रास्ते में एंबुलेस के साथ-साथ पुलिस की दो जिप्सी भी शामिल हो गईं और उनके गांव की बजाय अंतिम संस्कार के लिए उन्हें पास के ही गांव बिड़हर श्मशान घाट ले जाया गया. राम कृपाल के परिवार के लोगों को आधा किलोमीटर की दूरी पर रखा गया जिन्हें गांव से तीन घंटे पहले ही ट्रैक्टर के जरिए घाट पर लाया गया था.

राम कृपाल की पत्नी आखिरी बार उनका चेहरा तक नहीं देख पाईं. सुरेंद्र (जिन्होंने पीपीई किट पहनी थी लेकिन कोई सेफ्टी ग्लास नहीं दिया गया था) और श्मशान घाट पर काम करने वाले अन्य दो युवक अंतिम संस्कार की क्रिया पूरी करने में मदद की. उसके बाद सुरेंद्र को तुरंत क्वारेंटाइन सेंटर ले जाया गया.

चिता को अग्नि देने से पहले ही राम कृपाल के परिवार को ट्रैक्टर में ही घर भेज दिया गया. इसके बाद हम राम कृपाल के गांव गए और उनकी पत्नी से बात की.

 विधवा भी की गईं क्वारेंटाइन

राम कृपाल के दो बेटे(महेंद्र और सुरेंद्र) और एक बेटी हैं. राम कृपाल पिछले बीस साल से मुंबई में पेंट की एक फैक्टरी में काम करते थे और साल में एक बार ही घर आ पाते थे.

राम कृपाल की पत्नी बताती हैं, ‘वो घर से 30 किलोमीटर दूर भी नहीं थे. उन्होंने मुझे ग्यारह बजे फोन करके बताया था कि बस पहुंचने वाला हूं. अब चिंता मत करो.’

वह आगे कहती हैं, ‘मेरी ट्रक ड्राइवर से भी बात हुई थी. मैंने उसे धन्यवाद भी कहा था और खलीलाबद बाईपास के पास छोड़ने के लिए कहा था जहां से वो पैदल-पैदल आ जाते. लेकिन थोड़ी देर बाद उनका फोन बंद आने लगा तो मुझे चिंता होने लगी. फिर खलीलाबाद से पुलिस का फोन आया कि उनकी तबीयत खराब हो गई है.’

‘सुरेंद्र तुरंत लेने के लिए निकल पड़ा. मैंने उनसे कहा था कि ट्रक में मत आओ. जब ट्रेन शुरू तो तब आना लेकिन वो माने नहीं. कहा कि पता नहीं लॉकडाउन कब खत्म होगा. उन्हें घर आने की जल्दी थी.’ वह आगे बताती हैं.

ट्रक में मौजूद लोगों को ट्रेस किया जा रहा है

संत कबीर नगर के एडिशनल एसपी असित श्रीवास्तव दिप्रिंट को बताते हैं, ‘हम लोग राम कृपाल के साथ ट्रक में सफर करने वालों को ट्रेस कर रहे हैं. साथ ही उनके फोन कॉल्स को भी ट्रैक किया जा रहा है. अभी तक हमें पता चला है कि उनके साथ उनके गांव का कोई साथी नहीं था. हालांकि इस जिले के कई लोग उनके साथ वापस लौट रहे थे. हमें कल तक और जानकारी मिल जाएगी. ‘


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ट्रक पर सवार लोगों की पूरी जानकारी अभी तक नहीं मिल पाई है. वो आगे जोड़ते हैं, ‘उनकी पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में पता चला है कि उन्हें किसी तरह की कोई चोट नहीं आई थी और ना ही खाली पेट थे. उनकी मृत्यु का कारण स्पष्ट नहीं हो सका है.’

संत कबीर नगर के डीसी रविश गुप्ता दिप्रिंट को बताते हैं कि उनके परिवार के तीन लोगों(राम कृपाल की पत्नी, बेटी और बेटे) को क्वारेंटाइन किया गया है. उनके साथ ही तीन लोगों को भी ट्रेस कर लिया गया है जो राम कृपाल के साथ आ रहे थे. इनमें एक छोटी बच्ची भी शामिल है. छह लोगों को क्वारेंटाइन किया गया है. इन्हें जिला अस्पातल के आइसोलेशन वार्ड में रखा गया है. इनके सैंपल्स बीआरडी हॉस्पिटल भेजे जाएंगे.’

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