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Thursday, 3 October, 2024
होमदेशइंदौर के बल्ला कांड में ‘‘राजनीतिक दबाव’’ में बयान बदलने वाले अधिकारी पर मुकदमा चले : कांग्रेस नेता

इंदौर के बल्ला कांड में ‘‘राजनीतिक दबाव’’ में बयान बदलने वाले अधिकारी पर मुकदमा चले : कांग्रेस नेता

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इंदौर (मध्यप्रदेश), 10 सितंबर (भाषा) कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सज्जन सिंह वर्मा ने मंगलवार को मांग की कि इंदौर के बहुचर्चित बल्ला कांड में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पूर्व विधायक आकाश विजयवर्गीय पर प्राथमिकी दर्ज कराने के बाद कथित रूप से ‘‘राजनीतिक दबाव’’ में अपना बयान बदलने वाले एक सरकारी अधिकारी पर मुकदमा चलाया जाना चाहिए।

इस मामले में अभियोजन पक्ष को सोमवार (नौ सितंबर) को तब तगड़ा झटका लगा, जब विजयवर्गीय और नौ अन्य लोगों को एक विशेष अदालत ने आरोपों से बरी कर दिया।

अधिकारियों ने बताया कि मामले में तत्कालीन भाजपा विधायक आकाश विजयवर्गीय पर मुख्य आरोप था कि उन्होंने 26 जून 2019 को इंदौर नगर निगम के भवन निरीक्षक धीरेंद्र सिंह बायस को क्रिकेट के बल्ले से पीटा था। आकाश विजयवर्गीय, राज्य के मौजूदा काबीना मंत्री कैलाश विजयवर्गीय के बेटे हैं।

कैलाश विजयवर्गीय पर अक्सर तीखे हमले करने वाले वर्मा भी सूबे के कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं।

उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘बायस ने आकाश विजयवर्गीय और अन्य लोगों के खिलाफ थाने में रिपोर्ट लिखाई थी। अब आप इसे राजनीतिक दबाव कह लीजिए या जो भी कह लीजिए, उसके प्रभाव में बायस ने अपना बयान बदला।’’

वर्मा ने कहा कि बल्ला कांड को लेकर ‘‘झूठी प्राथमिकी’’ दर्ज कराने के आरोप में नगर निगम अधिकारी के खिलाफ मुकदमा चलाया जाना चाहिए।

उन्होंने कहा कि वह पुलिस को इस मामले में ‘बड़ा दोषी’ मानते हैं क्योंकि उसने ठीक से आरोपों की जांच नहीं की।

बायस ने अदालत में जिरह के दौरान अपने बयान में कहा कि कथित घटना के दौरान उन्हें दाहिने पैर में घुटने के नीचे चोट आई थी।

उन्होंने जिरह के दौरान इस बात को सही बताया कि जिस समय उन्हें यह चोट आई थी, वह तब मोबाइल फोन पर बात कर रहे थे और उनका पूरा ध्यान इस फोन पर होने के कारण वह देख नहीं सके थे कि किस व्यक्ति के कारण उन्हें यह चोट लगी।

अधिकारियों ने बताया कि बल्ला कांड को लेकर तत्कालीन भाजपा विधायक आकाश विजयवर्गीय और अन्य लोगों के खिलाफ भारतीय दंड विधान की धारा 353 (लोक सेवक को भयभीत कर उसे उसके कर्तव्य के निर्वहन से रोकने के लिये उस पर हमला), धारा 294 (गाली-गलौज), धारा 323 (मारपीट), धारा 506 (धमकाना), धारा 147 (बलवा) और धारा 148 (घातक हथियारों से लैस होकर बलवा) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी।

घटना के वक्त आकाश विजयवर्गीय शहर के गंजी कम्पाउंड क्षेत्र के एक जर्जर मकान को नगर निगम द्वारा ढहाए जाने की मुहिम का विरोध कर रहे थे।

राज्य में कमलनाथ की अगुवाई वाली पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में हुई इस घटना का कथित वीडियो सोशल मीडिया पर फैल गया था और इसके बाद तत्कालीन भाजपा विधायक को गिरफ्तार किया गया था। बाद में उन्हें इस मामले में जमानत मिल गई थी।

भाषा हर्ष नोमान

नोमान

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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