नयी दिल्ली, 14 मार्च (भाषा) केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सोमवार को कहा कि भारत में मातृ मृत्यु अनुपात (एमएमआर) में 10 अंक की गिरावट आई है और देश 2030 तक 70 प्रति लाख एमएमआर के एसडीजी लक्ष्य को हासिल करने की ओर अग्रसर है।
भारत के रजिस्ट्रार जनरल द्वारा जारी मातृ मृत्यु अनुपात (एमएमआर) पर एक विशेष बुलेटिन का हवाला देते हुए, मंत्रालय ने कहा कि देश में एमएमआर में लगातार कमी देखी जा रही है। वर्ष 2014-2016 में एमएमआर 130 प्रति लाख थी, 2015-17 में 122 प्रति लाख जबकि 2016-18 में एमएमआर 113 प्रति लाख हो गयी। वहीं 2017-19 में एमएमआर 103 प्रति लाख थी।
मातृ मृत्यु अनुपात एक निश्चित समय अवधि के दौरान प्रति एक लाख जीवित बच्चों के जन्म पर मातृ मृत्यु की संख्या है।
इस लगातार गिरावट के साथ, मंत्रालय ने कहा कि भारत 2020 तक 100 प्रति लाख जीवित जन्मों के राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति (एनएचपी) के लक्ष्य को प्राप्त करने के कगार पर है और 2030 तक निश्चित रूप से 70 प्रति लाख एमएमआर के सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी) लक्ष्य को प्राप्त करने की ओर अग्रसर है।
देश में एसडीजी लक्ष्य हासिल करने वाले राज्यों की संख्या अब पांच से बढ़कर सात हो गई है – केरल (30), महाराष्ट्र (38), तेलंगाना (56), तमिलनाडु (58), आंध्र प्रदेश (58), झारखंड (61) , और गुजरात (70)
अब नौ राज्य हैं जिन्होंने एनएचपी द्वारा निर्धारित एमएमआर का लक्ष्य हासिल कर लिया है जिसमें उपरोक्त सात राज्यों के साथ-साथ कर्नाटक (83) और हरियाणा (96) शामिल हैं।
स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक पांच राज्यों उत्तराखंड (101), पश्चिम बंगाल (109), पंजाब (114), बिहार (130), ओडिशा (136) और राजस्थान (141) में एमएमआर 100-150 के बीच है, जबकि छत्तीसगढ़ (160), मध्य प्रदेश (163), उत्तर प्रदेश (167) और असम (205) जैसे चार राज्यों में एमएमआर 150 से ऊपर है।
भाषा रवि कांत उमा
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