दार्जिलिंग, पांच अक्टूबर (भाषा) दार्जिलिंग की पहाड़ियों में घूमने गये सैकड़ों पर्यटकों के लिए दुर्गा पूजा के बाद की छुट्टियां बुरे सपने में बदल गईं क्योंकि रविवार को लगातार बारिश के कारण कई भूस्खलन हुए, जिससे घर बह गए, राजमार्ग अवरुद्ध हो गए और पहाड़ी जिले में बड़ी संख्या में लोग फंस गए।
अधिकारियों ने बताया कि मिरिक, दार्जिलिंग और आसपास के इलाकों में भूस्खलन में कई बच्चों सहित कम से कम 20 लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए।
भूस्खलन और सड़क मार्ग पर अवरोधों के कारण पूरे क्षेत्र में हजारों पर्यटक फंसे हुए हैं।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उन्हें आश्वासन दिया कि राज्य सरकार उन्हें सुरक्षित वापस लाने की व्यवस्था करेगी और पर्यटकों से अपील की कि वे घबराएं नहीं और वहां से निकलने की जल्दबाजी न करें।
उन्होंने कहा, ‘‘कई पर्यटक फंसे हुए हैं। मैं उनसे अनुरोध करती हूं कि वे हड़बड़ी न करें। कृपया जहां हैं वहीं रहें। होटल वालों को उनसे ज्यादा पैसे नहीं लेने चाहिए। उनकी सुरक्षा हमारी जिम्मेदारी है और प्रशासन यह सुनिश्चित करेगा।’’
मिरिक में ठहरे कोलकाता के एक पर्यटक प्रवीण सिन्हा ने संवाददाताओं को बताया, ‘‘हमने रात के लगभग दो बजे बहुत तेज आवाज सुनी और जमीन हिल गई। जब हम सुबह बाहर निकले, तो सड़क गायब थी, बस कीचड़ और पेड़ों का ढेर था। हम बाहरी दुनिया से पूरी तरह कटे हुए हैं, हम बस सुरक्षित घर वापस जाना चाहते हैं।’’
अपने पति और पांच साल की बेटी के साथ मुंबई से आईं अनन्या दास के लिए यह अनुभव बेहद भयावह रहा है।
उन्होंने फोन पर हुई बातचीत में कहा, ‘‘हम कल रात से ठीक से सो नहीं पाए हैं। होटल के कर्मचारी दयालु हैं, लेकिन वे भी हमारी तरह ही असहाय हैं।’’
स्थानीय टूर ऑपरेटरों ने बताया कि दुर्गा पूजा के बाद पहाड़ों की यात्रा करने आये सैकड़ों पर्यटक होटलों और होमस्टे में फंसे हुए हैं।
दार्जिलिंग के एक टूर ऑपरेटर विकास ने कहा, ‘‘पर्यटन के लिहाज से यह सबसे भीड़ वाला समय है। हमारे कई मेहमान कलिम्पोंग और मिरिक में फंसे हुए हैं। हर जगह सड़कें अवरुद्ध हैं। हम उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पुलिस और अधिकारियों के साथ समन्वय कर रहे हैं।’’
भाषा
शफीक नरेश
नरेश
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.
