होम देश गुजरात : वडोदरा में दलित युवक की पिटाई के आरोप में चार...

गुजरात : वडोदरा में दलित युवक की पिटाई के आरोप में चार लोगों को हिरासत में लिया

अहमदाबाद, 22 दिसंबर (भाषा) गुजरात के वडोदरा में एक दलित युवक की कथित तौर पर पिटाई करने के आरोप में बृहस्पतिवार को चार लोगों को हिरासत में लिया गया। एक पुलिस अधिकारी ने यह जानकारी दी।

घटना से जुड़ा एक वीडियो कुछ दिन पहले सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। वडोदरा तालुका पुलिस थाने में बुधवार को दर्ज मामले के मुताबिक, भायली गांव के दलित युवक अल्पेश परमार को 11 दिसंबर को सात लोगों ने कथित तौर पर उस समय पीटा था, जब वह सेवासी नहर रोड के पास एक लड़की के साथ बैठा था।

पुलिस अधिकारी ने बताया कि परमार की शिकायत के मुताबिक, सातों आरोपियों ने बिना किसी उकसावे के उसके खिलाफ जातिसूचक टिप्पणियां की थीं और फिर उसे सार्वजनिक रूप से पीटा।

अधिकारी के अनुसार, परमार ने दावा किया कि उसने पुलिस का रुख नहीं किया, क्योंकि हमलावरों ने उसे चुप रहने की धमकी दी थी, लेकिन सोशल मीडिया पर घटना का वीडियो सामने आने के बाद उसने मामला दर्ज कराने का फैसला किया। इस वीडियो में आरोपी परमार को लात-घूसे मारते दिखाई दे रहे हैं।

शिकायत के मुताबिक, आरोपियों ने सोशल मीडिया पर खुद घटना का वीडियो जारी किया था। उन्होंने वीडियो की शुरुआत में चेतावनी दी थी कि ‘हमारे लाइव प्रसारण के दौरान जो कोई भी नकारात्मक टिप्पणी करेगा, उनका यही हश्र होगा।’ आरोपियों ने वीडियो का अंत ‘जय राजपूताना’ के नारे के साथ किया।

वडोदरा के पुलिस अधीक्षक रोहन आनंद ने कहा, “हमने सात में से चार आरोपियों को हिरासत में लिया है। उनमें से दो राजपूत हैं और दो अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) से ताल्लुक रखते हैं। उन्हें जल्द ही औपचारिक रूप से गिरफ्तार कर लिया जाएगा। मामले की जांच जारी है।”

पुलिस के अनुसार, आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 147 (दंगा), 323 (हमला) और 506 (2) (आपराधिक धमकी) के साथ-साथ अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के प्रासंगिक प्रावधानों के तहत आरोप लगाए गए हैं।

इस बीच, कांग्रेस की गुजरात इकाई के कार्यकारी अध्यक्ष और दलित विधायक जिग्नेश मेवाणी ने हमले की निंदा की और इसे एक दलित की भीड़ हत्या का प्रयास बताया।

हमले से जुड़ा वीडियो ट्वीट करते हुए मेवाणी ने कहा कि यह घटना इसलिए हुई, क्योंकि गुजरात सरकार ने दलितों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कदम नहीं उठाए हैं।

भाषा पारुल संतोष

संतोष

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

Exit mobile version