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Thursday, 25 April, 2024
होमदेशअच्छी फिटिंग और क्वालिटी की वजह से बाजार में अपनी खास जगह बनाते जा रहे दिल्ली के कस्टमाइज शू मेकर

अच्छी फिटिंग और क्वालिटी की वजह से बाजार में अपनी खास जगह बनाते जा रहे दिल्ली के कस्टमाइज शू मेकर

जूतियों से लेकर आपकी शादी की ड्रेस के साथ मैच करते चमड़े के क्लासिक जूतों तक की पेशकश के साथ आला दर्जे के ये शू-मेकर ज्यादातर पुरुषों के लिए जूते तैयार करते हैं. हालांकि, अब इन्होंने महिलाओं के बाजार में भी पैठ बनानी शुरू कर दी है.

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नई दिल्ली: नोएडा की उद्यमी नीना दत्ता को एक बार एक कॉलेज स्टूडेंट का फोन आया, जिसने अपनी पॉकेट मनी जोड़कर रखी थी और इससे वह सेना से रिटायर अपने पिता को कुछ खास तोहफा देना चाहता था. वह उन्हें एकदम अच्छी तरह फिट होने वाले एक जोड़ी चमड़े के जूते भेंट करना चाहता था. चूंकि, मौका उसके माता-पिता की शादी की सिल्वर जुबली का था तो वह इसे बेहद खास बनाना चाहता था.

अपने पति, जिनका अब निधन हो चुका है, के साथ मिलकर 2012 में भारतीय बाजार के लिए द शू फैक्ट्री नामक एक कस्टमाइज्ड शू-मेकिंग वेंचर की सह-स्थापना करने वाली दत्ता को यह सब सुनकर इतना अच्छा लगा कि उन्होंने उस लड़के को एक बड़ी छूट भी दे दी. सिर्फ यही नहीं ये जूते उसके पिता को इतनी अच्छी तरह फिट हुए कि उन्होंने दत्ता को धन्यवाद देने के लिए खुद फोन किया.

दत्ता ने दिप्रिंट को बताया, ‘ये छोटे-छोटे पल आपको बहुत खुशी देते हैं.’ इसलिए, उन्होंने कहा, शेल्फ से या ऑनलाइन खरीदने के विपरीत अपने मनमुताबिक कस्टमाइज जूता तैयार कराना एक व्यक्तिगत अनुभव होता है.

ई-कॉमर्स बूम, जिसने खरीदारों सामने बेशुमार विकल्प रख दिए हैं, के बीच आपके मनमुताबिक जूत तैयार करने वाले शू-मेकर्स का खास समूह लोगों का दिल जीत रहा है और ये अपने उत्पादों के उत्कृष्ट डिजाइन, सही फिटिंग, कंफर्ट और फुटवियर के अलग लुक के साथ अपने नियमित कस्टमर बना रहे हैं.

चाहे आपको अपनी शादी की पोशाक से मेल खाती जूतियां चाहिए हों या फिर चमड़े के ऐसे क्लासिक जूते जो आउट ऑफ फैशन नहीं होते. ये आपकी हर जरूरत पूरी करते हैं.

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यद्यपि इनमें से अधिकांश ब्रांड पुरुषों के लिए जूते बनाते हैं, लेकिन अब इन्होंने महिलाओं के बाजार में भी पैठ बनानी शुरू कर दी है.

अन्य खिलाड़ी

लाजपत नगर में एक आरामदायक जगह पर बैठे मॉडेलो डोमानी के फाउंडर आयुष दीवान खुराना इस पर विचार कर रहे हैं कि वह पुरुषों के लिए अपने ग्लैमरस कलेक्शन से आगे कैसे बढ़ाएं और महिलाओं के बाजार में उतरने के लिए क्या करें, यह उनका सपना है जिसे वह 2024 तक पूरा करना चाहते हैं.

खुराना जब छोटे ही थे तभी एक बार उन्होंने पाया कि उन्होंने एक बड़े अंतरराष्ट्रीय ब्रांड का जो काफी महंगा जूता खरीदा है, वो दरअसल भारत में बना है, यहीं से उन्हें कुछ करने का विचार आया. धीरे-धीरे उन्होंने कारीगरों और कच्चे माल के आपूर्तिकर्ताओं का अपना एक नेटवर्क बनाया और 2010 में अपने जूते की रेंज लॉन्च कर दी. आज, उनके जूते पूरी तरह से भारत में ही डिजाइन, सोर्स और मैन्युफैक्चर किए गए होते हैं.

खुराना ने कहा, ‘मेरा ब्रांड किफायती लक्जरी श्रेणी में आने वाला पहला ब्रांड है.’

रॉयल क्रेस्ट जूतियां उनके हॉट-सेलर प्रोडक्ट में शामिल हैं, जिसमें जरदोजी में मॉडलो डोमानी लोगो बना होता है. उन्होंने कहा कि यह पैटर्न, जो उनका कॉपीराइट है, हमेशा डिमांड में रहता है. इसे शेरवानी या किसी अन्य एथनिक ड्रेस के साथ पहना जा सकता है, और अपनी ड्रेस से मैचिंग जूतियां लेने के लिए उनके ग्राहक काफी दूर-दूर से आते हैं.

अपने स्लिप-ऑन कलेक्शन की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा, ‘मैं चाहता हूं कि मेरे जूते एकदम आरामदायक हों. और जब लोग उन्हें उतारें तो मेरी स्लिपर पहनना ही उनकी पसंद हो.’

आर्टिमेन के फाउंडर सुकृत खन्ना के लिए कंफर्ट ही सबसे पहली प्राथमिकता थी, जो पुरुषों के लिए चमड़े के जूतों का एक शानदार कलेक्शन पेश करते हैं.

यूके की वार्विक यूनिवर्सिटी से जूता उद्योग में विशेषज्ञता हासिल करने के साथ इंटरनेशनल टेक्नोलॉजी मैनेजमेंट में मास्टर डिग्री हासिल करने वाले खन्ना ने जूते बनाने की बारीकियां अपने पिता राजन खन्ना से सीखीं हैं, जो 1990 के दशक में जूतों के निर्यातक थे.

परिवार आज दिल्ली के शाहपुर जाट बाजार में द शू गैराज ब्रांड के नाम से महिलाओं के जूतों के बेहतरीन कलेक्शन के साथ एक दुकान चलाता है. शाहपुर जाट में खुलने वाली यह पहली दुकान थी जो उस समय एक गांव था, और धीरे-धीरे इसकी लोकप्रियता बढ़ती गई. कुछ ही सालों में इसे दिल्ली की शीर्ष 100 दुकानों में शामिल कर लिया गया.


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फिल्मी सितारों से लेकर उद्योगपति तक हैं ग्राहक

खन्ना के लिए अपनी कॉर्पोरेट जॉब छोड़ जूते बनाने का कारोबार शुरू करना व्यक्तिगत फैसला था. जब वह अपनी शादी में पहनने के लिए जूते खरीदना चाहते थे, तो उन्होंने पाया कि पुरुषों के लिए जो कलेक्शन उपलब्ध है वो या तो उनकी पसंद का नहीं है, या फिर बहुत ज्यादा महंगा है.

खन्ना ने कहा, ‘मैंने अपने पिता की वर्कशॉप, जो शाहपुर जाट में ही है, में अपने लिए एक जोड़ी जूते तैयार कराए और जब इसकी कुछ तस्वीरें मैंने फेसबुक पर पोस्ट कीं, तो तमाम लोगों ने इसके बारे में जाना चाहा.’

इससे उन्हें इस बात का अहसास हुआ कि पुरुषों के लिए अच्छी क्वालिटी के जूतों की मांग कितनी ज्यादा है और 2016 में द शू गैराज में अपने पहले से स्थापित सेटअप की मदद से ही उन्होंने अपना खुद का ब्रांड, आर्टिमेन लॉन्च कर दिया.

उन्होंने कहा, ‘आर्टिमेन प्रीमियम सेक्शन को पूरा करता है, और मैं चाहता हूं कि मेरे ग्राहक बार-बार लौटकर आएं. मैं चाहता हूं कि आर्टिमेन जूतों का सब्यसाची (प्रसिद्ध फैशन डिजाइनर सब्यसाची मुखर्जी) बन जाए.’

दत्ता के लिए भी क्वालिटी पहली प्राथमिकता है, जिसकी वजह से तमाम लोग सालों से उनके नियमित ग्राहक बने हुए हैं.

दत्ता ने कहा, ‘जब ग्राहक अधिक पैसा खर्च करते हैं और उत्पाद तैयार होने की प्रतीक्षा भी करते हैं, तो फिर वे उसमें मजबूती, आराम, फिटिंग, देखने में अच्छा और बेहतरीन क्वालिटी की अपेक्षा भी करते हैं. मेरे पास ऐसे ग्राहक हैं जो सालों से मेरे उत्पाद ले रहे हैं और उनमें से कुछ बहुत अच्छे मित्र बन गए हैं.’

हालांकि, कस्टमाइज जूतों की मांग नियमित खरीददारों तक ही सीमित नहीं है. यह उद्योग डिजाइनर कलेक्शन के अनुरूप सही रंगों और विशेष डिजाइनों के साथ तालमेल वाले जूतों की फैशन डिजाइनरों और मशहूर हस्तियों की मांग को भी पूरा करता है.

दत्ता जहां सुकेत धीर और साहिल अनेजा जैसे कई अन्य डिजाइनरों को जूते की आपूर्ति करती हैं, वहीं खुराना की दुकान में अमिताभ बच्चन और रणवीर सिंह समेत बॉलीवुड हस्तियों और सुनील गावस्कर जैसे क्रिकेटरों की तस्वीरें लगी हुई हैं जो सभी मॉडेलो डोमानी के जूते पहन रखे हैं.

यही नहीं खन्ना का आर्टिमेन उन कुछ नामों में शामिल है जो कजरिया और जिंदल जैसे बड़े कॉर्पोरेट घरानों के मालिकों के पसंदीदा ब्रांड हैं.

‘अफोर्डेबल लग्जरी’

कोविड-19 महामारी के कारण जूतों की मांग घटने से उद्योग को एक बड़ा झटका लगा. लेकिन बाजार धीरे-धीरे पटरी पर लौट रहा है.

खुराना ने कहा, ‘वो एकदम परीक्षा की घड़ी थी. कोविड से पहले मॉडेलो डोमानी को सबसे प्रीमियम डिजाइनर ब्रांड बनाना मेरा सपना था. लेकिन मुझे पूरे ब्रांड को नया रूप देना पड़ा. हमने महसूस किया कि लोगों की खर्च करने की क्षमता घट रही थी और हमने इसे एक किफायती लग्जरी ब्रांड में बदल दिया. हमारी कीमतें नीचे आने लगीं.’

बेशक, बड़े इंटरनेशनल ब्रांड के साथ भी जबर्दस्त प्रतिस्पर्धा है, लेकिन इन भारतीय उद्यमियों को भरोसा है कि लोग बड़े नामों की जगह आराम और क्वालिटी को तरजीह देना पसंद करेंगे.

क्विक शॉपिंग की मांगों को देखते हुए द शू गैराज और मोडेलो डोमानी दोनों ने ऑफ-द-रैक पेशकश की पूरी सीरीज लॉन्च की है.

दत्ता की वर्कशॉप में पुरुषों के एक जोड़ी जूतों की कीमत 12,500-35,000 रुपये के बीच है, वहीं खन्ना के उत्पादों की कीमत 7,000 से 20,000 रुपये के बीच है. वही, इनकी तुलना में अपेक्षाकृत काफी सस्ते ब्रांड मॉडेलो डोमानी की कीमतें 1,000 रुपये से शुरू होती है और 10,000 रुपये तक जाती हैं.

तो, अगली बार जब आप जूते खरीद रहे हों और सही फिटिंग वाले जूते न मिल रहे हो तो आपके मनमुताबिक जूते तैयार करने वाले ये ब्रांड एक बिल्कुल नया अनुभव साबित हो सकते हैं.

(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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