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Thursday, 25 April, 2024
होमदेशमनमोहन सिंह ने कहा मोदी सरकार के कुप्रबंधन ने देश की अर्थव्यवस्था को लंबी मंदी के दौर में धकेल दिया है

मनमोहन सिंह ने कहा मोदी सरकार के कुप्रबंधन ने देश की अर्थव्यवस्था को लंबी मंदी के दौर में धकेल दिया है

पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि ऑटोमोबाइल सेक्टर में 3.5 लाख नौकरियां जा चुकी हैं. इसी तरह असंगठित क्षेत्र में भी बड़े पैमाने पर लोग नौकरियां खो रहे हैं.

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नई दिल्ली : पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने देश की बिगड़ती अर्थव्यवस्था पर चिंता व्यक्त की है. मनमोहन सिंह ने कहा भारत की ख़राब अर्थव्यवस्था बहुत ही चिंता का विषय है, पिछली तिमाही में 5 प्रतिशत की आर्थिक वृद्धि मंदी को दर्शाती है. भारत इससे भी ज्यादा तेज़ गति से आर्थिक वृद्धि कर सकता है, लेकिन मोदी सरकार के कुप्रबंधन की वजह से ऐसा हुआ है.

उन्होंने यह भी कहा कि विनिर्माण क्षेत्र में 0.6 प्रतिशत की निराशाजनक वृद्धि दर यह दर्शाती है कि हम नोटबंदी और जीएसटी से उबर नहीं पाए हैं.

पूर्व पीएम ने कहा कि घरेलू मांग में निराशा साफ नज़र आ रही है और खपत में वृद्धि 18 महीने के सबसे निचले स्तर पर है. नॉमिनल जीडीपी 15 साल के सबसे निचले स्तर पर है. कर राजस्व में भारी कमी आयी है. उन्होंने कहा, निवेशकों में भारी उदासीनता है.

नौकरियों के अवसर पैदा न होने पर भी मनमोहन सिंह ने मोदी सरकार को जमकर घेरा. उन्होंने कहा कि ऑटोमोबाइल सेक्टर में 3.5 लाख नौकरियां जा चुकी हैं. इसी तरह असंगठित क्षेत्र में भी बड़े पैमाने पर लोग नौकरियां खो रहे हैं.

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उन्होंने कहा कि ग्रामीण भारत की स्थिति और दयनीय है. किसानों को सही दाम नहीं मिल रहा है और ग्रामीण आय गिर गई है. जैसी कम महंगाई दर को मोदी सरकार दिखा रही है, उसकी कीमत हमारे किसान और उनकी आय चुका रहे हैं.

उन्होंने कहा संवैधानिक संस्था की स्वायत्ता भी खतरे में हैं और मोदी सरकार के दौरान सरकारी डेटा की विश्वसनीयता में भी भारी कमी देखने को मिली है.

उन्होंने यह भी कहा, ‘हमारे देश के युवा , उद्यमी , किसान और हाशिए पर पड़े तबके की अधिक मदद किए जाने की जरूरत है. मैं सरकार से गुजारिश करूंगा की बदले की भावना से काम न करे और अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए मिल जुलकर काम करे.’

मनमोहन सिंह मोदी सरकार की अर्थव्यवस्था पर उठाए गए कदमों पर पहले भी सवाल उठाते रहे हैं. आर्थिक मंदी के संकेतों के बीच हाल में ही मोदी सरकार ने कई फैसले लिए है और रिज़र्व बैंक से भी धन लिया है पर देश की आर्थिक स्थिति नाजुक बनी हुई है. याद रहे की अपने पहले बजट को पेश करने के पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण मनमोहन सिंह से मिलने और सलाह मशविरा के लिए गईं थी.

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