श्रीनगर, पांच अगस्त (भाषा) पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती और कई अन्य क्षेत्रीय दलों के नेताओं ने सोमवार को दावा किया कि जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद-370 को निरस्त करने के पांच साल पूरे होने पर बढ़ायी गई सुरक्षा के बीच उन्हें घर में नजरबंद रखा गया है।
मुफ्ती ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘मुझे घर में नजरबंद रखा गया है जबकि पीडीपी कार्यालय को बंद कर दिया गया है।’’
पूर्व मुख्यमंत्री ने बाद में सोशल मीडिया पर कहा, ‘‘पांच अगस्त 2019 को इतिहास में न केवल जम्मू कश्मीर के लिए एक काले दिन बल्कि भारतीय लोकतंत्र पर एक कलंक के रूप में दर्ज किया जाएगा।’’
उन्होंने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘ऐसा दिन जब एक अर्ध-स्वायत्त राज्य को शक्तिहीन कर दिया गया और हमारे लिए विशेष एवं पवित्र हर चीज को लूट लिया गया। उसके बाद से राज्य को चुप रहने के लिये धमकाया गया, जिसे देश के बाकी हिस्सों में ‘शांति एवं सामान्य स्थिति’ के रूप में प्रचारित किया गया है। पांच साल से घेराबंदी जारी है लेकिन प्रतिरोध भी जारी है।’’
नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं को इस दिन का जश्न मनाने की अनुमति दी गयी है जबकि जो लोग इसके खिलाफ हैं, उन्हें उनके घरों में कैद कर दिया गया है।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि अल्ताफ बुखारी के नेतृत्व वाली ‘अपनी पार्टी’ के कार्यालय को भी एहतियाती कदम के तौर पर सोमवार को बंद कर दिया गया है।
नेशनल कॉन्फ्रेंस के मुख्य प्रवक्ता तनवीर सादिक ने दावा किया कि उन्हें घर में नजरबंद किया गया है।
सादिक ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘मुझे घर में नजरबंद रखा गया है जो कि पूरी तरह अनावश्यक है। मुझे कुछ काम से बाहर जाना था लेकिन मेरे घर के दरवाजे के बाहर खड़े पुलिसकर्मियों ने मुझे बाहर जाने से रोक दिया। यह अनुचित और अवैध है।’’
उन्होंने एक तस्वीर भी पोस्ट की है जिसमें शहर के हसनबाद इलाके में उनके आवास के बाहर पुलिसकर्मी दिखायी दे रहे हैं।
नेकां प्रवक्ता ने कहा, ‘‘पांच अगस्त असंवैधानिक और गैरकानूनी है तथा हमेशा रहेगा। पांच अगस्त 2019 को भाजपा ने जम्मू कश्मीर के लोगों के साथ विश्वासघात किया। संविधान की अनदेखी कर भाजपा ने जम्मू कश्मीर के साथ संवैधानिक, नैतिक और कानूनी संबंधों को कमजोर किया।’’
केंद्र ने पांच अगस्त 2019 को संविधान का अनुच्छेद-370 निरस्त कर दिया था जो जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा प्रदान करता था।
केंद्र सरकार जम्मू कश्मीर पुनर्गठन कानून भी लेकर आयी जिसने पूर्ववर्ती राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख तथा जम्मू कश्मीर में विभाजित कर दिया।
पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष सज्जाद गनी लोन ने कहा कि पांच अगस्त का दिन ‘‘कश्मीरी लोगों के पूरी तरह से अशक्त’’ होने की याद दिलाएगा।
लोन ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘पांच अगस्त हमेशा कश्मीरी लोगों के पूर्ण रूप से अशक्त होने की याद दिलाता रहेगा। पांच साल से यहां कोई निर्वाचित विधानसभा नहीं है और स्थानीय लोगों को अपने मामलों में फैसला लेने का कोई अधिकार नहीं है। दुख की बात है कि देश में इतनी शक्तिशाली आवाजें नहीं हैं जो यह सवाल पूछ सकें कि खासकर जम्मू-कश्मीर को ऐसे अपमानजनक अस्तित्व के लिए निशाना क्यों बनाया गया है।’’
नेशनल कॉन्फ्रेंस ने एक बयान में आरोप लगाया कि सरकार ने ‘‘अन्यायपूर्ण तरीके से हमारे नेताओं को घर में नजरबंद कर दिया है और श्रीनगर में पार्टी मुख्यालय नवा-ए-सुबह को प्रभावी ढंग से अलग-थलग कर दिया है।’’
पार्टी ने कहा, ‘‘पांच अगस्त 2019 जम्मू कश्मीर के लोगों के अशक्तिकरण की याद दिलाता है, एक ऐसी प्रक्रिया जो क्षेत्र में लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित सरकार की अनुपस्थिति के साथ अनियंत्रित रूप से जारी है। पांच अगस्त 2019 को एकतरफा और अलोकतांत्रिक रूप से लिए फैसले नयी दिल्ली द्वारा जम्मू कश्मीर के लोगों से किए वादों का विश्वासघात है।’’
उसने कहा कि जम्मू कश्मीर के लोगों को ये फैसले अस्वीकार्य हैं जैसा कि क्षेत्र में हाल में हुए संसदीय चुनाव के नतीजों से पता चलता है।
भाषा गोला प्रशांत
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