जयपुर, नौ मार्च (भाषा) राजस्थान में मिलावटखोरी के मामलों में त्वरित सुनवाई के लिए फास्टट्रैक अदालत स्थापित की जाएगी और इसकी प्रक्रिया चल रही है। राज्य सरकार की ओर से बुधवार को राज्य विधानसभा में तारांकित प्रश्न के जवाब में यह जानकारी दी गई।
लिखित उत्तर के अनुसार,‘‘मिलावटखोरों के विरुद्ध त्वरित कानूनी कार्रवाई हेतु पृथक से फास्ट ट्रैक अदालत स्थापित किये जाने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।’’
सरकार ने बताया कि मिलावटी पदार्थों की जांच के लिए राज्य में 11 जिलों जयपुर, जोधपुर, अलवर, बांसवाड़ा, बीकानेर, उदयपुर, अजमेर, कोटा, भरतपुर, चुरू एवं जालौर में खाद्य प्रयोगशालाएं संचालित हैं। इसके अलावा राज्य में संभागीय स्तर पर नौ चल खाद्य प्रयोगशालाएं भी संचालित हैं।
सरकार ने बताया कि इस साल के बजट में सीकर, बारां, भीलवाड़ा, बाड़मेर, धौलपुर, नागौर एवं गंगानगर जिलों में खाद्य प्रयोगशाला स्थापित किये जाने हेतु बजट आवंटित की गई है।
सरकार ने खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 की धारा 29(1) के प्रावधानुसार अधिनियम के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए राज्य स्तरीय राजस्थान खाद्य सुरक्षा प्राधिकरण का गठन किया गया है।
इसके अनुसार एक जनवरी, 2019 से 31 जनवरी, 2022 तक खाद्य सामग्री के कुल 22,763 नमूने लिए गए और उन सभी नमूनों की जांच की जा चुकी है।
भाषा पृथ्वी मनीषा धीरज
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