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Wednesday, 17 April, 2024
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किसान नेता राकेश टिकैत फफक फफक कर रोए, कहा- ‘कानून वापस नहीं लिया आत्महत्या कर लूंगा’

26 जनवरी के दिन ट्रैक्टर रैली के दौरान दिल्ली में हुई हिंसा के बाद से पुलिस-प्रशासन किसान आंदोलनकारियों पर काफी सख्ती कर रही है.

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नई दिल्ली: गाजीपुर बॉर्डर पर किसान आंदोलन कर रहे किसान नेता राकेश टिकैत शाम को मीडिया के सामने फफक फफक कर रो दिए. उन्होंने कहा, ‘हमारा आंदोलन जारी रहेगा और अगर सरकार बिल वापसी नहीं करती है तो मैं आत्महत्या कर लूंगा.’

बता दें कि आज दोपहर से ही पुलिस भारी संख्या में गाजीपुर बॉर्डर पर मौजूद है और किसानों को आंदोलन खत्म करने और जगह खाली करने के आदेश दे दिए थे. शाम होते होते गाजीपुर में धारा 144 भी लगा दी गई.

पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी राकेश टिकैत से बात करने पहुंचे. किसान मंच पर पुलिस से काफी देर बातचीत के बाद जब राकेश टिकैत मीडिया से बातचीत करने आए तो वह भावुक हो गए. उन्होंने रोते हुए कहा, ‘मैं किसानों को बर्बाद नहीं होने दूंगा, सरकार किसानों को मारने की साजिश रच रही है.’

राकेश टिकैत ने कहा, ‘अगर सरकार ने तीनों बिल वापस नहीं हिए तो वो आत्महत्या कर लेगें लेकिन किसानों को बर्बाद नहीं होने देंगे.’

राकेश टिकैत ने किसानों से यह भी कहा कि घबराने की जरूरत नहीं. उन्होंने कहा, ‘ हम अपना धरना-प्रदर्शन जारी रखेंगे और सरकार से बातचीत होने तक साइट खाली नहीं करेंगे. प्रशासन ने पानी और बिजली की आपूर्ति सहित बुनियादी सुविधाओं को हटा दिया है. हम अपने गांवों से पानी लाएंगे और वही पीएंगे.’

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टिकैत ने कहा कि उन्होंने पिछले दिनों से चल रहे आंदोलन में लगातार सरकार और पुलिस का साथ दिया है. इससे पहले टिकैत ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा था कि मैं सरेंडर नहीं करूंगा. उन्होंने इस दौरान लाल किले पर जिसने भी झंडा फहराया है, उसकी जांच होनी चाहिए की बात कही थी.

26 जनवरी के दिन ट्रैक्टर रैली के दौरान दिल्ली में हुई हिंसा के बाद से पुलिस-प्रशासन किसान आंदोलनकारियों पर काफी सख्ती कर रही है. एक ओर जहां मेरठ के बड़ौत में 40 दिन से चल रहे प्रदर्शन को पुलिस ने बीती रात खत्म कराया, वहीं यूपी गेट पर आंदोलन स्थल की बिजली काट दी गई. बिजली कटने के बाद अंधेरा होने के चलते गिरफ्तारी के डर से किसानों ने खुद रात में जागकर पहरा दिया.


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33 के खिलाफ प्राथमिकी और 44 लोगों के खिलाफ लुकआउट नोटिस

वहीं दिल्ली पुलिस ने 26 जनवरी की हिंसा के संबंध में कई पुलिस स्टेशनों पर 33 प्राथमिकी दर्ज की गई हैं. उनमें से नौ को अपराध शाखा में स्थानांतरित कर दिया गया है. इस मामले में किसान नेताओं सहित 44 लोगों के खिलाफ लुक आउट सर्कुलर जारी किया गया है.

कल देर रात से ही गाजीपुर पर प्रशासन काफी शख्त दिखाई दी. एक ओर जहां बिजली काट दी गई वहीं किसानों के लिए रखे शौचालय पुलिस ने हटा दिए.

शाम होते होते गाजीपुर बॉर्डर दोनों तरफ से ट्रैफिक को बंद कर दिया गया. ट्रैफिक को रोड नंबर 56, अक्षरधाम और निजामुद्दीन की तऱफ मोड़ दिया गया. दूसरी तरफ सिंघु, औचंदी, मंगेश, सबोली, पियाउ मनियारी सीमाएं भी बंद कर दी गई हैं.

गुरुवार शाम को यूपी गेट से लेकर गाजीपुर तक पूरा धरना स्थल छावनी में बदल गया, गाजियाबाद जिले के सभी थानों से फोर्स बुला ली गई. धरना स्थल को खाली कराने के लिए जिला प्रशासन के द्वारा किसानों को अल्टीमेटम दे दिया गया है.

जिला मजिस्ट्रेट अजय शंकर पांडेय सहित मेरठ रेंज के सभी वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी एवं पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी मौके पर उपस्थित हैं. धरना स्थल को खाली कराने की जिला प्रशासन के द्वारा पूरी तैयारी की गई है.


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