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Tuesday, 23 April, 2024
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देश के जाने-माने वकील और पूर्व केंद्रीय मंत्री राम जेठमलानी का अंतिम संस्कार, शामिल हुए नेता

केएम नानावती बनाम महाराष्ट्र राज्य (1959) उनका पहला सबसे महत्वपूर्ण केस था. इसके अलावा उन्होंने अपने लंबे सक्रिय कानूनी जीवन में कई महत्वपूर्ण मामले लड़े.

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नई दिल्ली : चर्चित वकील और पूर्व केंद्रीय मंत्री राम जेठमलानी का रविवार को नई दिल्ली के उनके आवास पर निधन हो गया. जेठमलानी 95 वर्ष के थे. वह लंबे समय से बीमार थे. उनका रविवार शाम लोधी रोड श्मशान पर अंतिम संस्कार कर दिया गया. वह चर्चित आपराधिक मामलों के वकील रहे. बेटे महेश जेठमलानी ने शाम 5.30 बजे उनकी चिता को मुखाग्नि दी.

इस दौरान कानून मंत्री रवि शंकर प्रसाद, दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल मनीष सिसौदिया सहित तमाम नेता व वकील मौजूद थे. जेठमलानी की बेटी शोभा और बहू भी इस दौरान मौजूद रहीं. सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने उनके आवास पर पुष्प अर्पित कर उन्हें आखिरी श्रद्धांजलि दी. सुप्रीम कोर्ट के एक अन्य न्यायाधीश बीआर हवई भी पहुंचे.

बड़े नेताओं ने दी श्रद्धांजलि

पीएम मोदी सहित सुबह से उनके निवास पर पहुंचने वालों में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, वरिष्ठ भाजपा नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी के अलावा उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह शामिल थे.

माकपा नेता सीताराम येचुरी, राजद नेता मनोज झा, प्रेमचंद्र गुप्ता, पूर्व न्यायमूर्ति कुरियन जोसेफ के अलावा वरिष्ठ वकील गोपाल सुब्रह्मण्यम, वरिष्ठ कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद और वरिष्ठ अधिवक्ता सोली सोराबजी और सिद्धार्थ लूथरा ने भी उनके अंतिम दर्शन किए.

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उन्होंने अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार में शहरी विकास मंत्री के रूप में भी काम किया था. 2010 में उन्हें सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन का अध्यक्ष चुना गया था.

 

सितम्बर 14, 1935 में पाकिस्तान के सिंध प्रांत के शिखरपुर में राम भूलचंद जेठमलानी का जन्म हुआ था और वे 18 साल की उम्र में वकील बन गये थे. देश के वे एक सबसे जाने माने वकील थे जिन्होंने कई महत्वपूर्ण मामले लड़े.

वह पहली बार 1977 में लोकसभा के लिए चुने गए. उन्होंने वाजपेयी के समय में अक्टूबर 1999 से जुलाई 2000 तक केंद्रीय कानून, न्याय और कंपनी मामलों के मंत्री के रूप में कार्यभार संभाला था.

केएम नानावती बनाम महाराष्ट्र राज्य (1959) उनका पहला सबसे महत्वपूर्ण केस था. फिर उन्होंने अपने लंबे सक्रिय कानूनी जीवन में कई महत्वपूर्ण मामले लड़े. राजीव गांधी के हत्यारों के वकील के रूप में 2011 में वे मद्रास हाई कोर्ट में लड़े. स्टाक मार्केट स्कैम में उन्होने हर्षद मेहता और केतन पारेख की पैरवी की, हवाला मामले में एलके आडवानी की, अफज़ल गुरु की फांसी की सज़ा की पैरवी और जेसिका लाल के हत्यारे मनु शर्मा की पैरवी भी उन्होंने की थी.

इसके अलावा उन्होंने कई मशहूर और विवादित केसों की पैरवी की जिनमें दिवंगत प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के दोषी सतवंत सिंह और केहर सिंह, अंडरवल्र्ड डॉन हाजी मस्तान के केस शामिल हैं.

बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने जेठमलानी के श्रद्धांजलि देते हुए ट्वीट किया है, ‘श्री रामजेठमलानी को उनके दिल्ली आवास पर आखिरी श्रद्धांजलि दी.’

राजद नेता और लालू प्रसाद यादव के बेटे तेजस्वी यादव ने ट्विटर शोक प्रकट करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी है.

जेठमलानी ने ‘कन्फ्लिक्ट ऑफ लॉज’, ‘जस्टिस : सोवियत स्टाइल’ और ‘बिग ईगोज एंड स्मॉल मेन’ सहित कई किताबें भी लिखी हैं. आपराधिक और संवैधानिक कानून के विशेषज्ञ रहे जेठमलानी सरकारी लॉ कॉलेज (मुंबई), जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (नई दिल्ली) और अमेरिका में वेयने स्टेट यूनिवर्सिटी में पार्ट-टाईम प्रोफेसर भी थे.

उन्हें 1970 में बार काउंसिल ऑफ इंडिया का अध्यक्ष और 1966 में इंटरनेशनल बार एसोसिएशन का सदस्य भी बनाया गया था.

वे 2010 में सुप्रीम कोर्ट बार असोसियेशन के अध्यक्ष नियुक्त हुए और 6ठी और 7वीं लोकसभा के सदस्य, मुम्बई से भाजपा की टिकट पर जीत कर बने.

वे अटल बिहारी वाजपेयी की एनडीए सरकार में कानून मंत्री रहे और बाद में लखनऊ से वाजपेयी के खिलाफ 2004 में चुनाव लड़े.

उनके एक पुत्र महेश जेठमलानी भी पेशे से वकील हैं. एक बेटी अमरीका में है और दूसरी बेटी रानी जेठमलानी का निधन हो गया है.

 

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