scorecardresearch
Monday, 2 December, 2024
होमदेश'दिल्ली का हर बच्चा सच्चे अर्थों में होगा देशभक्त', केजरीवाल ने शुरू किया नर्सरी से 12वीं तक 'देशभक्ति पाठ्यक्रम'

‘दिल्ली का हर बच्चा सच्चे अर्थों में होगा देशभक्त’, केजरीवाल ने शुरू किया नर्सरी से 12वीं तक ‘देशभक्ति पाठ्यक्रम’

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आम आदमी पार्टी सरकार के महत्त्वाकांक्षी ‘देशभक्ति पाठ्यक्रम’ की मंगलवार को शुरुआत करते हुए कहा कि दिल्ली का हर बच्चा सच्चे अर्थों में देशभक्त होगा.

Text Size:

नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आम आदमी पार्टी (आप) सरकार के महत्त्वाकांक्षी ‘देशभक्ति पाठ्यक्रम’ की मंगलवार को शुरुआत करते हुए कहा कि दिल्ली का हर बच्चा सच्चे अर्थों में देशभक्त होगा.

क्रांतिकारी स्वतंत्रता सेनानी भगत सिंह की जयंती पर छत्रसाल स्टेडियम में आयोजित समारोह में मुख्यमंत्री ने कहा कि आजकल लोग केवल तिरंगा फहराने या राष्ट्रगान गाते वक्त ही देशभक्ति महसूस करते हैं.

उन्होंने कहा, ‘पिछले 74 सालों में हमें अपने स्कूलों में भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान और गणित पढ़ाया गया लेकिन बच्चों को ‘देशभक्ति’ नहीं पढ़ाई गई. देशभक्ति हम सभी के अंदर है लेकिन इसे प्रेरित करने की जरूरत है. दिल्ली का हर बच्चा सच्चे अर्थों में देशभक्त होगा. ‘देशभक्ति पाठ्यक्रम ‘ देश के विकास में सहायक सिद्ध होगा और भारत को तेजी से आगे ले जाएगा.’

‘भारत माता की जय’, ‘इंकलाब जिंदाबाद’ और ‘वंदे मातरम’ के नारे लगाते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, ‘हमें ऐसा माहौल विकसित करने की जरूरत है, जिसमें हम सभी और हमारे बच्चे हर कदम पर देशभक्ति महसूस करें.’

केजरीवाल ने कहा कि सभी तरह के पेशेवर सामने आ रहे हैं ‘देशभक्त पेशेवर’ विकसित नहीं हो रहे हैं.

उन्होंने कहा,  ‘इसका मतलब यह नहीं है कि हम व्यवसायों को बढ़ावा नहीं देंगे. हम सभी प्रकार की शिक्षा का समर्थन करना जारी रखेंगे लेकिन हम उनमें देशभक्ति के मूल्यों को जोड़ेंगे. हम ‘देशभक्त’ डॉक्टर, वकील, इंजीनियर, अभिनेता, गायक, कलाकार, पत्रकार आदि विकसित करेंगे.’

नर्सरी से कक्षा 12 तक ‘देशभक्ति पाठ्यक्रम’ की शुरूआत की जाएगी. पाठ्यक्रम में कोई पाठ्यपुस्तक नहीं होगी. सहायक छोटी पुस्तिका होंगी जो तीन समूहों के लिए डिजाइन की गई हैं- नर्सरी से पांचवी कक्षा तक, छठी से आठवीं कक्षा तक और नौवीं से 12वीं कक्षा तक.

उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा, ‘हम भगत सिंह, हेमू कलानी, झांसी की रानी और तात्या टोपे की लड़ाइयों के बारे में बात करते हैं, लेकिन हम कभी इस बात पर चर्चा नहीं करते कि ऐसा क्या हुआ कि उन्हें लड़ाई लड़नी पड़ी.’ उन्होंने कहा कि देशभक्ति पाठ्यक्रम इस कमी को पाटेगा.


यह भी पढ़ें: कांग्रेस में शामिल हुए जिग्नेश की युवाओं से अपील- अर्जेंसी है, कूद पड़िए, एक नया आंदोलन छिड़ने वाला है


 

share & View comments