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Thursday, 25 April, 2024
होमदेशसीएम बघेल का 2020 में 'गढ़बो नवा छत्तीसगढ़' का संकल्प, आरोप-प्रत्यारोप से भरा रहा साल 2019

सीएम बघेल का 2020 में ‘गढ़बो नवा छत्तीसगढ़’ का संकल्प, आरोप-प्रत्यारोप से भरा रहा साल 2019

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री ने कहा नए छत्तीसगढ़ के निर्माण से उनका आशय ऐसे वातावरण से है जिसमें समाज के सभी वर्गों को बराबर का स्थान मिले.

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रायपुर: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने नए साल का स्वागत आज पहले ही दिन अपने सरकार की उपलब्धियों को गिनाते हुए ‘गढ़बो (गढ़ेंगे) नवा (नया) छत्तीसगढ़’ और 2020 में विकास की नई उचाइयों को छूने का संकल्प दोहराया है. बघेल का कहना है नए छत्तीसगढ़ के निर्माण से उनका आशय ऐसे वातावरण से है जिसमें समाज के सभी वर्गों को बराबर का स्थान मिले. लेकिन राज्य सरकार के एक वर्ष के कार्यकाल को देखें तो प्रदेश की जनता और कांग्रेस सरकार के लिए यह वर्ष मिला-जुला रहा.

छत्तीसगढ़ में होने वाली सालभर की गतिविधियों के विषय में यदि हम बात करें तो यह कहना अपरिहार्य नहीं होगा कि दशकों से नक्सलवाद की मार से छलनी हो रहे इस राज्य को 2019 में भी माओवाद ने इस आदिवासी राज्य को अपने शिकंजे में जकड़ रखा रहा. राज्य में इस वर्ष नक्सली हिंसा में करीब 70 सुरक्षाकर्मी और आम ग्रामीणों की जानें गयी हालांकि यह आंकड़ा पिछले वर्षों की तुलना में काफी कम रहा. नक्सली हिंसा से होने वाली हत्याओं में इस वर्ष जहां 22 सुरक्षाकर्मियों की हत्या हुई वहीं दूसरी ओर 46 आम ग्रामीण भी मारे गए. हालांकि 2018 में सुरक्षाकर्मियों की मौत का आंकड़ा 58 था, जबकि दूसरी तरफ करीब 89 आम ग्रामीणों जानें गयी थीं.

2019 की कुछ प्रमुख माओवादी घटनाएं

साल के दूसरे माह में 7 फरवरी को सुरक्षा बलों को बड़ी सफलता मिली जब उन्होंने बस्तर के बीजापुर में एक विशेष नक्सल विरोधी अभियान में 10 माओवादियों को मार गिराया. यह ऑपरेशन एसटीएफ और डिस्ट्रिक्ट रिज़र्व गार्ड ने मिलकर चलाया था.

एक अन्य नक्सल विरोधी अभियान में डिस्ट्रिक्ट रिज़र्व गार्ड राजनांदगांव ने 3 अगस्त को 7 माओवादियों को मार गिराया. सुरक्षबलों ने यह अभियान बाघनादी पुलिस थाने के सीतागोटा गांव में सुबह करीब 6:00 बजे चलाया था.

लोकसभा चुनाव 2019 जब अपने चरम पर था तो उस वक्त 9 अप्रैल को माओवादियों ने भाजपा विधायक भीमा मंडावी और उनके साथ चल रहे चार सुरक्षाकर्मियों की हत्या कर दी. बीजेपी विधायक और सुरक्षाकर्मियों की हत्या माओवादियों द्वारा किए गए आईईडी ब्लास्ट से हुई.

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मोस्ट वांटेड ₹ 1.4 करोड़ का ईनामी दुर्दांत माओवादी नेता रमन्ना, जो चार राज्यों की सरकारों द्वारा वांछित था, की मौत दिसंबर के दूसरे हप्ते में एक लंबी बीमारी के बाद हुई. हालांकि उसकी वास्तविक बीमारी का पता आज तक नहीं चल पाया है लेकिन रमन्ना की मौत से सुरक्षाबलों का मानना है की इससे माओवादी कैडर को बहुत बड़ा धक्का लगा है. सुरक्षा बलों के अनुसार रमन्ना एक बहुत ही मजबूत रणनीतिकार था जो सुरक्षबलों के खिलाफ हमलों की कार्ययोजना बनाकर उसे लागू करवाने में माहिर था. वह करीब 150 सुरक्षाकर्मियों के हत्याओं के लिए जिम्मेदार था.

प्रदेश में जहां तक 2019 में राजनीतिक घटनाओं और गतिविधियों की बात करें तो 15 साल के भाजपा के शासन को खत्म कर कांग्रेस ने पूर्व प्रदेश अध्यक्ष भूपेश बघेल के नेतृत्व में 2018 के अंतिम माह में अपनी सरकार बनाई. बघेल सरकार के शुरुआती दिन विवादों से भरे रहे.

विपक्ष ने निरंतर आरोप लगाया की 15 साल बाद सत्ता में आने के बाद कांग्रेस सरकार बदले की भावना से काम कर रही है और भाजपा नेताओं को जान बूझकर फंसाने का प्रयास कर रही है. भाजपा ने भूपेश बघेल सरकार द्वारा रमन सिंह सरकार में हुए घोटालों की जांच के लिए गठित एसआईटी को भी बदले की भावना से की गई एक कार्यवाही ही बताने का प्रयास किया था.

दो पूर्व मुख्यमंत्रियों रमन सिंह और अजीत जोगी के लिए भी यह साल बहुत अच्छा साबित नहीं हुआ. भूपेश बघेल सरकार द्वारा बैठाई गई जांचों में सिंह और जोगी के परिवार के सदस्यों के नाम सामने आए. इस कारण एक ओर जहां जोगी के बेटे अमित जोगी को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेजा दिया वहीं दूसरी ओर रमन सिंह के दामाद पुनीत गुप्ता का नाम एक मेडिकल घोटाले में उजागर होने के बाद वे अंडरग्राउंड होकर अपने आप को बचाते फिर रहे थे. रमन सिंह के बेटे और पूर्व सांसद अभिषेक सिंह का नाम एक चिटफंड घोटाले में आने के बाद उन्हें 2019 के आम चुनावों में अपना टिकट गंवाना पड़ा था.

राज्य में विकास के संबंध में लिए गए अहम फैसलों में बतौर मुख्यमंत्री बघेल सरकार की 2019 की उपलब्धियों में किसानों की कर्जमाफी, ₹2500 प्रति क्विंटल पर धान की खरीद, सभी परिवारों को 35 किलो चावल, 400 यूनिट तक बिजली बिल माफी जैसे बड़े निर्णयों के साथ-साथ लोहंडीगुड़ा के किसानों को उनकी जमीन लौटाने का ऐतिहासिक फैसला था.

राज्य में चुनावी रंग की बात करें तो 2018 के विधानसभा चुनाव में बुरी तरह पिट जाने के बाद भाजपा ने 2019 के आम चुनावों में 11 में 9 लोकसभा सीट जीतकर अपने हार का बदला ले लिया लेकिन सितंबर और अक्टूबर माह में हुए  दंतेवाड़ा और चित्रकूट विधानसभा के उपचुनावों में भाजपा को सत्तारूढ़ दल के हाथों दोनों सीटें गंवानी पड़ी.

विधानसभा उपचुनावों में जीत के बाद भूपेश बघेल सरकार के लिए दिसंबर माह में संपन्न नगरी निकाय चुनाव एक बड़ी चुनौती के रूप में सामने आया जिसे कांग्रेस ने सफलतापूर्वक पार किया और तकरीबन सभी नगर निगमों में जीत हासिल की. प्रदेश में ऐसा पहली बार होगा जब 10 में से 9 नगर निगमों में कांग्रेस पार्टी संभवतः अपना मेयर बनाने में सफल हो जा जाएगी.

साल 2019 छत्तीसगढ़ के लिए रहा उपलब्धियों भरा

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रदेशवासियों को नए वर्ष 2020 की बधाई और शुभकामनाएं दी है. मुख्यमंत्री ने कहा है कि छत्तीसगढ़ के लिए वर्ष 2019  उपलब्धियों भरा रहा. चाहे किसानों की कर्ज माफी हो, 2500 प्रति क्विंटल पर धान खरीदी, सभी परिवारों को 35 किलो चावल, 400 यूनिट तक बिजली बिल हाफ, जैसे बड़े फैसले लिए गए, साथ ही लोहंडीगुड़ा के किसानों को उनकी जमीन लौटाने का ऐतिहासिक फैसला लिया गया और उस पर अमल किया गया.

शहरी क्षेत्रों में छोटे भूखंडों की रजिस्ट्री शुरू हुई. कलेक्टर दर में 30 प्रतिशत की कमी की गई, भूखंडों को फ्री होल्ड करने का निर्णय किया गया. गुमाश्ता एक्ट में संशोधन किया गया. स्वास्थ्य सुविधाओं की पहुंच लोगों तक बढ़ाने के लिए मुख्यमंत्री हाट बाजार क्लीनिक योजना, शहरी क्षेत्रों में मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना, कुपोषण मुक्ति के लिए सुपोषण अभियान प्रारंभ किए गए. वन अधिकार पट्टा देने का काम छत्तीसगढ़ में फिर से प्रारंभ किया गया. ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए नरवा, गरवा, घुरवा, बाड़ी योजना प्रारम्भ की गई.

मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले एक वर्ष में छत्तीसगढ़ की कला, संस्कृति और परंपराओं के संरक्षण तथा संवर्धन के कार्य भी किए गए. पारंपरिक छत्तीसगढ़ी त्यौहारों पर न सिर्फ अवकाश की घोषणा की गई, बल्कि बड़े ही उत्साह से इस वर्ष पोला-तीजा, हरेली त्यौहार मनाया गया. राजधानी रायपुर में तीन दिवसीय राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव का आयोजन भी इसी दिशा में किया गया एक छोटा सा प्रयास था.

राज्य सरकार ने इस एक वर्ष में सभी वर्गों की उन्नति और विकास के लिए बड़े फैसले लिए हैं और उन पर अमल भी किया है. आने वाले वर्षों में भी हम इसी भावना के साथ छत्तीसगढ़ की सेवा करेंगे और प्रदेश के विकास के लिए हरसंभव प्रयास करेंगे ताकि भारत के मानचित्र पर छत्तीसगढ़ का स्थान सर्वोपरि हो.

मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों को नए वर्ष की शुभकामनाएं देते हुए कहा है कि नया वर्ष सभी लोगों के जीवन में सुख, समृद्धि और खुशहाली लेकर आए.

बघेल ने कहा है कि हम सब मिलकर अपने पुरखों के सपनों के अनुरूप स्वास्थ्य, खुशहाल और समृद्ध ‘गढ़बो नवा छत्तीसगढ़’ का सपना साकार करेंगे, जिसमें किसान, मजदूर, गरीब, पिछड़े, युवा और महिलाएं सहित समाज के सभी वर्गों के लोग खुशहाल हों.

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