मुजफ्फरनगर (उप्र), 14 नवंबर (भाषा) मुजफ्फरनगर जिले की एक विशेष सांसद-विधायक अदालत ने 2012 में एक विरोध प्रदर्शन के दौरान सड़क जाम करने से जुड़े एक मामले में शुक्रवार को पूर्व भाजपा विधायक उमेश मलिक समेत आठ लोगों को साक्ष्यों के अभाव में बरी कर दिया। एक अधिवक्ता ने यह जानकारी दी।
बचाव पक्ष के अधिवक्ता श्यामबीर सिंह और विक्रांत मलिक ने बताया कि एमपी-एमएलए अदालत के विशेष न्यायाधीश देवेंद्र फौजदार ने सबूतों के अभाव में पूर्व भाजपा विधायक उमेश मलिक समेत आठ लोगों को बरी कर दिया।
अधिवक्ताओं के मुताबिक अदालत ने माना कि अभियोजन पक्ष आरोपों को साबित करने में विफल रहा, जिसके कारण सभी आरोपियों को बरी कर दिया गया।
उन्होंने बताया कि पुलिस ने मलिक और सात अन्य के खिलाफ गैरकानूनी रूप से जमा होने, दंगा, अतिक्रमण, शरारत और आपराधिक कानून संशोधन अधिनियम के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया था।
उन्होंने बताया कि मामला 29 सितंबर, 2012 को मंसूरपुर थानाक्षेत्र में खुब्बापुर गांव के पास एक प्रदर्शन के दौरान आरोपियों द्वारा सड़क जाम करने के मामले में दर्ज किया गया था।
भाषा सं आनन्द
राजकुमार
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