देहरादून, दो अक्टूबर (भाषा) उत्तराखंड सरकार ने बुधवार को कहा कि पिछले 20 माह में राज्य सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) में 1.3 गुना की वृद्धि हुई है जबकि 2022 में इसे अगले पांच साल में दोगुना करने का लक्ष्य रखा गया था।
प्रदेश के सचिव डॉ. आर मीनाक्षी सुंदरम ने यहां संवाददाता सम्मेलन में बताया कि राज्य सरकार द्वारा लाई गयी नई नीतियां, पुरानी नीतियों में संशोधन व रोजगार और स्वरोजगार के लिए चलाये गये कार्यक्रमों से भी राज्य का सकल घरेलू उत्पाद बढ़ा है।
उन्होंने बताया कि राज्य की प्रति व्यक्ति आय 2021-22 में दो लाख पांच हजार रुपये थी जो 2023-24 में बढ़कर दो लाख 60 हजार रुपये हो गई। पिछले दो साल में राज्य की प्रति व्यक्ति आय 26 प्रतिशत बढ़ी है। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय स्तर पर दो साल में प्रति व्यक्ति आय एक लाख 50 हजार 906 रुपये से बढ़कर एक लाख 84 हजार हुई है। राष्ट्रीय स्तर पर प्रति व्यक्ति आय में 20 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
मीनाक्षी सुंदरम ने बताया कि भारत सरकार के आवधिक श्रमबल सर्वेक्षण के अनुसार, राज्य की 2022- 23 में 15 से 29 आयुवर्ग में श्रमबल भागीदारी दर 43.7 प्रतिशत थी जो 2023-24 में बढ़कर 49 प्रतिशत हो गई। इसी प्रकार राज्य का रोजगार जनसंख्या अनुपात 37.5 प्रतिशत से बढ़कर 44.2 प्रतिशत हो गया।
सचिव ने बताया कि इसी प्रकार 15 से 59 आयु वर्ग में श्रमबल भागीदारी दर 60.1 से बढ़कर 64.4 प्रतिशत और रोजगार जनसंख्या अनुपात 57.2 से बढ़कर 61.2 प्रतिशत हो गया। उन्होंने बताया कि राज्य में 15 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के सभी लोगों की श्रमबल भागीदारी दर 56 से बढ़कर 60.7 प्रतिशत और रोजगार जनसंख्या अनुपात 53.5 से बढ़कर 58.1 हो गया।
उन्होंने कहा कि राज्य में रोजगार जनसंख्या अनुपात में महिलाओं की भागीदारी बढ़ी है। उन्होंने कहा कि 15 से 29 आयु वर्ग में यह 26.1 प्रतिशत से बढ़कर 32.4 प्रतिशत और 15 से अधिक आयु वर्ग में 37 प्रतिशत से बढ़कर 43.7 प्रतिशत हुई है। राज्य में लखपति दीदी योजना और महिला स्वयं सहायता समूहों को बढ़ावा देने की वजह से भी महिलाओं के रोजगार जनसंख्या अनुपात में वृद्धि हुई है।
सचिव ने बताया कि ताजा सर्वेंक्षण के अनुसार, 2022-23 में राज्य की बेरोजगारी दर 14.2 प्रतिशत थी जो 2023-24 में घटकर 9.8 प्रतिशत रह गई। उन्होंने बताया कि एक साल में प्रदेश की बेरोजगारी दर में 4.4 प्रतिशत की कमी आई। राज्य में पर्यटन, विनिर्माण क्षेत्र और सरकारी नौकरियों में लोगों को अधिक रोजगार मिला है।
भाषा दीप्ति खारी अजय
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