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Thursday, 17 July, 2025
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ऊर्जा समानता के लिए मजबूत क्षेत्रीय सहयोग जरूरी: श्रीलंका की प्रधानमंत्री ने आईएसए बैठक में कहा

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कोलंबो, 17 जुलाई (भाषा) श्रीलंका की प्रधानमंत्री डॉ. हरिनी अमरासूर्या ने बृहस्पतिवार को ऊर्जा समानता की तत्काल जरूरत बताते हुए मजबूत क्षेत्रीय सहयोग, प्रौद्योगिकी तक सभी की पहुंच और छोटे द्वीपीय विकासशील देशों (एसआईडीएस) एवं निम्न-मध्यम आय वाले देशों के लिए समर्थन का आह्वान किया।

कोलंबो में अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन (आईएसए) की एशिया-प्रशांत क्षेत्रीय समिति की सातवीं बैठक में अपने संबोधन में हरिनी ने सौर प्रशिक्षण एवं अनुसंधान के लिए कोलंबो में क्षेत्रीय केंद्र के रूप में स्टार (एसटीएआर) केंद्र की स्थापना की भी घोषणा की।

अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन (आईएसए) एक वैश्विक पहल है जिसकी शुरुआत 2015 में भारत और फ्रांस ने पेरिस में सीओपी21 में की गई। इसके 124 सदस्य और हस्ताक्षरकर्ता देश हैं।

आईएसए के बयान के अनुसार, श्रीलंका की प्रधानमंत्री ने इस मौके पर कहा, ‘‘ऊर्जा समानता की तत्काल जरूरत है। इसके लिए मजबूत क्षेत्रीय सहयोग, प्रौद्योगिकी तक सभी की पहुंच और छोटे द्वीपीय विकासशील देशों (एसआईडीएस) एवं निम्न-मध्यम आय वाले देशों के लिए समर्थन की आवश्यकता है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हम वैश्विक सौर सुविधा के विस्तार के लिए आईएसए के प्रयासों का स्वागत करते हैं। इस क्षेत्र के छोटे द्वीपीय विकासशील राज्यों एवं निम्न-मध्यम आय वाले देशों के लिए मजबूत दृष्टिकोण अपनाने की जरूरत है। इन देशों को उच्च लागत, सीमित भूमि एवं ग्रिड संबंधी बाधाओं का सामना करना पड़ता है, लेकिन साथ ही यहां विकेंद्रीकृत सौर एवं भंडारण-आधारित समाधानों में अपार संभावनाएं भी हैं।’’

बयान के अनुसार, इस दौरान श्रीलंका और आईएसए के बीच ‘देश साझेदारी रूपरेखा’ (सीपीएफ) पर हस्ताक्षर हुए जो देश में सौर ऊर्जा के विस्तार, वित्तपोषण एवं संस्थागत क्षमता निर्माण की रणनीति तय करता है।

श्रीलंका के ऊर्जा मंत्री कुमार जयकोडी ने 2030 तक 70 प्रतिशत नवीकरणीय ऊर्जा और 2050 तक शुद्ध रूप से शून्य कार्बन उत्सर्जन बनने के राष्ट्रीय लक्ष्य को दोहराया।

उन्होंने आईएसए-एसआईडीएस मंच को छोटे देशों के लिए परिवर्तनकारी पहल करार दिया।

इस मौके पर भारत के उच्चायुक्त संतोष झा ने भारत-श्रीलंका ऊर्जा सहयोग की सराहना की और आईएसए को सौर समाधानों के लिए एक वैश्विक मंच बताया।

झा ने कहा, ‘‘ आईएसए के माध्यम से हमारे पास न केवल मकानों को, बल्कि भविष्य को भी रोशन करने का अवसर है..।’’

आईएसए के महानिदेशक आशीष खन्ना ने क्षेत्र के लिए चार रणनीतिक स्तंभों वित्त, संस्थागत सशक्तिकरण, क्षेत्रीय समन्वय और नवाचार को रेखांकित किया।

खन्ना ने कहा, ‘‘ एशिया एवं प्रशांत क्षेत्र अपनी विशाल विविधता व साझा आकांक्षाओं के साथ, वैश्विक सौर ऊर्जा परिदृश्य को आकार देने में एक केंद्रीय भूमिका निभाता है। आगे बढ़ने के साथ ही यह क्षेत्रीय समिति बैठक एक व्यावहारिक, कार्य-उन्मुख एजेंडा निर्धारित करने के लिए एक सामयिक व रणनीतिक मंच प्रदान करती है।’’

विज्ञप्ति के अनुसार, बैठक में फिजी, किरीबाती और सोलोमन द्वीपों के साथ सीपीएफ, आईसीआईएमओडी के साथ समझौता ज्ञापन और एसआईडीएस मंच के लिए समर्थन घोषणाएं की गईं। साथ ही डिजिटल ऊर्जा समाधान, सीमा पार नवीकरणीय ऊर्जा व्यापार तथा सोलरएक्स एपीएसी पिच प्रतियोगिता के माध्यम से स्टार्टअप नवाचार पर क्षेत्रीय सत्र भी आयोजित किए गए।

यह बैठक एशिया-प्रशांत की साझा सौर महत्वाकांक्षा और आईएसए की नेतृत्वकारी भूमिका को स्पष्ट करती है।

भाषा निहारिका रमण

रमण

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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