scorecardresearch
Thursday, 28 March, 2024
होमदेशअर्थजगतम्यूचुअल फंड निवेशकों के पक्ष में SEBI का फैसला, योजना बंद करने से पहले लेनी होगी यूनिटहोल्डर्स की मंजूरी

म्यूचुअल फंड निवेशकों के पक्ष में SEBI का फैसला, योजना बंद करने से पहले लेनी होगी यूनिटहोल्डर्स की मंजूरी

म्यूचुअल फंड नियमन में संशोधन के तहत सेबी कोष के लिये वित्त वर्ष 2023-24 से भारतीय लेखा मानकों (इंडिया एएस) का अनुकरण करने को अनिवार्य बनाएगा.

Text Size:

मुंबई: भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने म्यूचुअल फंड निवेशकों के हितों की रक्षा के लिये मंगलवार को महत्वपूर्ण कदम उठाने का निर्णय किया. इसके तहत जब भी म्यूचुअल फंड के बहुसंख्यक न्यासी किसी योजना को बंद करने का फैसला करते हैं, उनके लिये यूनिटधारकों की सहमति लेने को अनिवार्य करने का निर्णय किया गया है.

सेबी निदेशक मंडल की मंगलवार को हुई बैठक में यह फैसला किया गया.

म्यूचुअल फंड नियमन में संशोधन के तहत सेबी कोष के लिये वित्त वर्ष 2023-24 से भारतीय लेखा मानकों (इंडिया एएस) का अनुकरण करने को अनिवार्य बनाएगा.

सेबी ने एक विज्ञप्ति में कहा कि म्यूचुअल फंड के बहुसंख्यक न्यासी जब भी किसी योजना को बंद करने या निश्चित अवधि की योजना (क्लोज इंडेड स्कीम) के अंतर्गत समय से पहले यूनिट को भुनाने का फैसला करते हैं, ऐसे में उनके लिये यूनटधारकों की सहमति लेने को अनिवार्य करने का निर्णय किया गया है.

विज्ञप्ति के अनुसार, ‘न्यासियों को साधारण बहुमत के आधार पर मौजूदा यूनिटधारकों की सहमति लेनी होगी. इसके लिए प्रति यूनिट एक वोट के आधार पर मतदान होगा. मतदान का परिणाम योजना समापन की परिस्थितियों की सूचना के प्रकाशन के 45 दिन के भीतर प्रकाशित करने की जरूरत होगी.’

अच्छी पत्रकारिता मायने रखती है, संकटकाल में तो और भी अधिक

दिप्रिंट आपके लिए ले कर आता है कहानियां जो आपको पढ़नी चाहिए, वो भी वहां से जहां वे हो रही हैं

हम इसे तभी जारी रख सकते हैं अगर आप हमारी रिपोर्टिंग, लेखन और तस्वीरों के लिए हमारा सहयोग करें.

अभी सब्सक्राइब करें

सेबी ने कहा कि अगर न्यासी ऐसा करने में विफल होते हैं, योजना मतदान के परिणाम के प्रकाशन की तिथि के दूसरे कारोबारी दिन से व्यावसायिक गतिविधियों के लिए खुली होनी चाहिए.

भारतीय लेखा मानकों की आवश्यकताओं के अलावा, सेबी ने अनावश्यक प्रावधानों को हटाने और अधिक स्पष्टता लाने के लिए लेखा परीक्षण से संबंधित नियामक प्रावधानों के संबंध में मानदंडों में संशोधन करने का निर्णय किया है.

इस बीच, केवाईसी (अपने ग्राहक को जानो) पंजीकरण एजेंसियों (केआरए) की भूमिका को बढ़ाने के लिए, नियामक ने उनके ‘सिस्टम’ पर अपलोड किए गए केवाईसी रिकॉर्ड के पंजीकृत मध्यस्थ (आरआई) द्वारा स्वतंत्र सत्यापन को लेकर उनकी जिम्मेदारी तय करने का फैसला किया है.

share & View comments