नयी दिल्ली, 30 अप्रैल (भाषा) सार्वजनिक क्षेत्र की इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी) के चेयरमैन ए एस साहनी ने बुधवार को कहा कि कंपनी अंतरराष्ट्रीय बाजार में उतार-चढ़ाव के कारण रूस से कच्चे तेल के तय अवधि या मात्रा वाले आयात सौदे पर बातचीत नहीं कर रही है।
यूक्रेन युद्ध के बाद भारत का रूसी तेल आयात बढ़ा था और रूस लगातार तीसरे साल भारत का शीर्ष आपूर्तिकर्ता रहा। हालांकि, तेल पर रियायत कम होने के बाद यह आपूर्ति घटी है।
साहनी ने यहां संवाददाताओं से कहा कि आईओसी के कुल आयात में रूसी तेल की हिस्सेदारी 30 प्रतिशत से घटकर 22-23 प्रतिशत रह गई है।
उन्होंने कहा, ‘यह हमारी जरूरतों के अनुरूप होना चाहिए और उसके साथ वाणिज्यिक रूप से व्यवहार्य भी होना चाहिए। किसी विशेष स्रोत से तेल आयात का निर्णय वाणिज्यिक व्यवहारिकता पर आधारित होता है, न कि प्रतिबंधों या भू-राजनीतिक मुद्दों से तय होता है।’’
उन्होंने कहा कि कंपनी तय अवधि वाले किसी नए सौदे में प्रवेश करने का सही समय आने का इंतजार कर रही है, लेकिन फिलहाल कोई सक्रिय बातचीत नहीं चल रही है।
अमेरिका से तेल आयात के संबंध में उन्होंने कहा कि किसी विशेष मात्रा में तेल आयात करने का कोई आदेश नहीं मिला है और आयात तभी किया जाता है जब यह व्यावसायिक रूप से वाजिब हो।
भारत अपनी तेल जरूरतों के लिए 85 प्रतिशत से अधिक आयात पर निर्भर है और अमेरिका एक महत्वपूर्ण आपूर्तिकर्ता के रूप में उभरा है। भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौते में तेल और गैस आयात बढ़ाने पर बातचीत जारी है।
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