
नयी दिल्ली, छह मार्च (भाषा) राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) ने अदाणी समूह की इकाई अंबुजा सीमेंट्स को सांघी इंडस्ट्रीज के पूर्व प्रवर्तक आलोक सांघी की याचिका पर नोटिस जारी किया है। अंबुजा सीमेंट्स ने 2023 में सांघी इंडस्ट्रीज का अधिग्रहण किया था।
अपीलीय न्यायाधिकरण ने एनसीएलटी की अहमदाबाद पीठ के आदेश पर रोक लगा दी है, जिसमें आलोक सांघी के खिलाफ दिवाला कार्यवाही शुरू करने का निर्देश दिया गया था।
न्यायाधिकरण ने अपने अंतरिम आदेश में कहा कि मामले में आगे कोई कदम नहीं उठाया जाएगा।
एनसीएलएटी ने अंबुजा सीमेंट्स को दो सप्ताह का समय देते हुए मामले को 14 अप्रैल, 2025 को सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया।
आलोक सांघी ने 84 करोड़ रुपये की व्यक्तिगत गारंटी पर अंबुजा सीमेंट्स द्वारा दायर आईबीसी (दिवाला एवं ऋण शोधन अक्षमता संहिता) की धारा 95 के तहत एक आवेदन में 25 फरवरी, 2025 को राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) के आदेश के खिलाफ अपीलीय न्यायाधिकरण में अर्जी दी है।
एनसीएलटी ने पहले ही एक अंतरिम समाधान पेशेवर नियुक्त कर दिया है।
सांघी ने अपनी अपील में कहा कि अंबुजा सीमेंट्स के आवेदन में तीन अगस्त, 2023 के शेयर खरीद समझौते में उनके द्वारा दी गई किसी भी व्यक्तिगत गारंटी का कोई उल्लेख नहीं था। उसमें केवल ‘वारंटी’ और क्षतिपूर्ति का प्रावधान था।
दिवाला एवं ऋण शोधन अक्षमता संहिता, 2016 की धारा 95, कर्जदाताओं को ऋण लेने वाली इकाइयों के खिलाफ दिवाला कार्यवाही शुरू करने की अनुमति देती है। इसमें व्यक्तिगत गारंटर और साझेदारी फर्म शामिल हैं।
अंबुजा सीमेंट्स के वकील ने कहा कि एनसीएलटी ने शेयर खरीद समझौते के विभिन्न उपबंधों पर गौर नहीं किया है। शेयर खरीद समझौते की वास्तविक प्रकृति से पता चलता है कि व्यक्तिगत गारंटी आलोक सांघी ने दी थी।
इसके अलावा, एनसीएलटी ने पहले ही समाधान पेशेवर को रिपोर्ट प्रस्तुत करने और ऋण, चूक, क्षतिपूर्ति निर्धारित करने के लिए आवेदन को स्वीकार या अस्वीकार करने की सिफारिश करने का निर्देश दिया है। इसलिए, इस स्तर पर सांघी के लिए कोई पूर्वाग्रह नहीं है।
हालांकि, अपीलीय न्यायाधिकरण ने कहा कि दोनों पक्षों की तरफ से उठाए गए मुद्दों पर विचार करने की आवश्यकता है और सुनवाई की अगली तारीख तक प्रक्रिया पर रोक लगा दी।
भाषा रमण अजय
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