हैदराबाद, 27 नवंबर (भाषा) वैश्विक रक्षा एवं विमानन क्षेत्र की फ्रांस की प्रमुख कंपनी सैफरान के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) ओलिवर एंड्रीस ने कहा कि वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला की स्थिति बेहतर हो रही है और अब उम्मीद की किरण नजर आ रही है।
उन्होंने यह टिप्पणी आपूर्ति संबंधी समस्याओं के कारण वैमानिकी विनिर्माण परिवेश पर पड़ रहे गंभीर प्रभाव की पृष्ठभूमि में की है।
आपूर्ति श्रृंखला की बाधाओं के कारण वाणिज्यिक विमानों के आधिनिकीकरण और वितरण पर असर पड़ रहा है।
ओलिवर एंड्रीस ने बुधवार को यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला के लिए लगातार चुनौतियां उत्पन्न हो रही हैं।
वर्तमान आपूर्ति श्रृंखला की स्थिति पर पीटीआई-भाषा के सवाल पर उन्होंने कहा कि यूक्रेन पर रूस के हमले से कच्चे माल पर बड़ा झटका लगा है क्योंकि रूस वैमानिकी उद्योग के लिए टाइटेनियम, निकल और एल्यूमीनियम जैसे कच्चे माल का एक बड़ा आपूर्तिकर्ता है।
उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस वैश्विक महामारी के कारण मांग में आए झटके से कच्चे माल से जुड़ा संकट आपूर्ति श्रृंखला में भी फैल गया है। इसके परिणामस्वरूप आपूर्ति और कीमतों पर भी असर पड़ा।
एंड्रीस ने कहा, ‘‘ हम इससे उबर रहे हैं… हमें उम्मीद की रोशनी नजर आ रही है।’’
वैमानिकी, रक्षा और अंतरिक्ष क्षेत्रों में महत्वपूर्ण उपस्थिति रखने वाली सैफरान वाणिज्यिक विमानों, लड़ाकू विमानों आदि के लिए इंजन बनाती है।
सैफरान और जीई वैमानिकी का संयुक्त उद्यम सीएफएम इंटरनेशनल, लीप इंजन बनाती है।
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने फ्रांसीसी विमानन कंपनी सैफरान के लीप विमान इंजनों के रखरखाव, मरम्मत एवं देखभाल (एमआरओ) केंद्र का बुधवार को हैदराबाद में उद्घाटन किया था। इस एमआरओ संयंत्र का परिचालन वर्ष 2026 से शुरू हो जाएगा। इस परियोजना में 1,300 करोड़ रुपये का शुरुआती निवेश किया गया है।
लीप इंजनों का इस्तेमाल एयरबस ए320 निओ और बोइंग 737 मैक्स जैसे पतले आकार वाले वाणिज्यिक विमानों में किया जाता है।
भाषा निहारिका रमण
रमण
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.
