नयी दिल्ली, 21 नवंबर (भाषा) केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन सिंह ने बृहस्पतिवार को मछली किसानों को संगठित क्षेत्र में लाने की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि इससे मछुआरे समुद्री प्रदूषण और अवैध मछली पकड़ने की चुनौतियों से निपटने के अलावा विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ उठा सकेंगे।
‘विश्व मत्स्य दिवस’ पर एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मछली उत्पादक है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि देश जल्द ही वैश्विक स्तर पर शीर्ष मछली उत्पादक बन जाएगा।
भारत का मछली उत्पादन वर्ष 2013-14 में 95.79 लाख टन से 82 प्रतिशत बढ़कर वर्ष 2022-23 में 175.45 लाख टन हो गया है।
सिंह ने मछली उत्पादन में हुई तीव्र वृद्धि का श्रेय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा पिछले 10 साल में मत्स्य पालन क्षेत्र में वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए उठाए गए विभिन्न उपायों को दिया। इसमें प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना और मत्स्य पालन एवं अवसंरचना विकास कोष (एफआईडीएफ) शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि मत्स्य पालन क्षेत्र से सीधे तौर पर तीन करोड़ लोग जुड़े हुए हैं।
इस क्षेत्र के सामने आने वाली चुनौतियों को गिनाते हुए सिंह ने कहा कि मछली पालकों को असंगठित क्षेत्र से संगठित क्षेत्र में लाने की जरूरत है।
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