नयी दिल्ली, 27 नवंबर (भाषा) कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के अधिकारियों के संघ ने कैडर पुनर्गठन के लिए गठित नई समिति में प्रतिनियुक्ति पर अधिकारियों की नियुक्ति की सुविधा देने वाले प्रावधान को तत्काल वापस लेने की मांग की है।
ईपीएफ ऑफिसर्स एसोसिएशन (ईपीएफओए) ने कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के केंद्रीय भविष्य निधि आयुक्त (सीपीएफसी) रमेश कृष्णमूर्ति को पत्र लिखकर 25 नवंबर को ईपीएफओ द्वारा गठित कैडर पुनर्गठन (सीआर) समिति के कार्यक्षेत्र (टीओआर) से प्रतिनियुक्ति खंड को हटाने की मांग की है।
पत्र में कहा गया कि इससे पहले ईपीएफओए ने प्रतिनियुक्ति पर अधिकारियों की नियुक्ति की गतिविधियों को चुनौती दी थी और 2007 में केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण (कैट) से अनुकूल फैसला प्राप्त किया था।
ईपीएफओए ने ऐसी अनुचित नियुक्तियों के खिलाफ एक और मामला भी दायर किया है, जो वर्तमान में पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में लंबित है।
इन सबके बावजूद जब-जब ईपीएफओ में कैडर पुनर्गठन की बात होती है, प्रतिनियुक्ति का मुद्दा फिर से उछाल दिया जाता है। वर्ष 2017 के पिछले कैडर पुनर्गठन के दौरान भी तत्कालीन सीपीएफसी ने प्रतिनियुक्ति का मुद्दा दोबारा उठाया था।
अधिकारियों के संगठन ने यह भी कहा कि नई समिति के गठन या उसके कार्यक्षेत्र को केंद्रीय न्यासी बोर्ड (सीबीटी) से अनुमोदन का कोई प्रमाण नहीं है और यह उचित प्रक्रिया का उल्लंघन है।
पत्र में कहा गया है, ‘यदि ईपीएफओ प्रतिनियुक्ति पर चलने वाला संगठन बन गया तो हम अपनी उस मूल विशेषता को खो देंगे जो हमें उत्पादक, लचीला और उच्च प्रदर्शन वाला संगठन बनाती है। ईपीएफओ के अधिकारी इससे कहीं बेहतर व्यवहार के हकदार हैं। अतः अनुरोध है कि 25 नवंबर 2025 को गठित समिति के कार्यक्षेत्र से प्रतिनियुक्ति खंड तत्काल हटाया जाए और जब तक ऐसा न हो, समिति की कोई बैठक न बुलाई जाए।’
भाषा योगेश रमण
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