मुंबई, आठ अक्टूबर (भाषा) प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने रेलिगेयर एंटरप्राइजेज लिमिटेड (आरईएल) की पूर्व कार्यकारी चेयरपर्सन रश्मि सलूजा के खिलाफ 179.54 करोड़ रुपये के ईएसओपी घोटाले में आरोपपत्र दायर कर दिया है।
जांच एजेंसी ने सलूजा को इस साजिश का मुख्य रचनाकार बताते हुए कहा है कि सह-आरोपियों के साथ मिलकर इस घोटाले को अंजाम दिया गया।
आरोपपत्र में सलूजा के अलावा नितिन अग्रवाल, निशांत सिंघल, प्रताप वेणुगोपाल और वैभव गवली भी आरोपी बनाए गए हैं। ये सभी रेलिगेयर समूह के पूर्व अधिकारी हैं।
यह मामला रेलिगेयर समूह के कर्मचारियों के लिए संचालित ‘कर्मचारी शेयर स्वामित्व योजना’ (ईएसओपी) से जुड़े वित्तीय लाभों की कथित गड़बड़ी का है।
ईडी का दावा है कि सलूजा एवं अन्य आरोपियों ने बर्मन परिवार द्वारा आरईएल का अधिग्रहण रोकने के इरादे से साजिश रची, ताकि वे कंपनी पर नियंत्रण और ईएसओपी से गैरकानूनी वित्तीय लाभ जारी रख सकें।
जांच में पाया गया कि आरोपियों ने गवली को रेलिगेयर एंटरप्राइजेज के शेयर खरीदने और बर्मन परिवार के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने के लिए 2,00,000 रुपये का प्रस्ताव दिया था।
आरोपपत्र में कहा गया है कि सलूजा ने आरईएल की अनुषंगी कंपनी सीएचआईएल के ईएसओपी का उल्लंघन करते हुए अपने और अन्य सह-आरोपियों के नाम मंजूर किए और विकल्पों की संख्या भी एकतरफा तय की।
ईडी ने इसे कॉरपोरेट संचालन का खुला उल्लंघन और ईएसओपी के माध्यम से अवैध लाभ अर्जित करने का प्रयास बताया।
जांच एजेंसी ने अनुमान लगाया है कि इस घोटाले से प्राप्त कुल अवैध लाभ लगभग 179.54 करोड़ रुपये है।
आरोपपत्र के मुताबिक, यह साजिश केवल व्यक्तिगत लाभ तक सीमित नहीं थी, बल्कि जटिल और बहुआयामी थी। सलूजा ने अपनी स्थिति का दुरुपयोग कर ईएसओपी मंजूरी की प्रक्रिया में नियमों की अनदेखी की और अन्य आरोपियों के साथ मिलकर अवैध लाभ प्राप्त किया।
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