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Thursday, 25 April, 2024
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आर्थिक सर्वेक्षण, 2022-23 में आवास और शहरी मामलों पर पूंजीगत खर्च में 32% की गिरावट

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को अगले वित्तीय वर्ष के राष्ट्रीय बजट से एक दिन पहले संसद में 2022-23 के लिए आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया.

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नई दिल्ली : वित्तीय वर्ष 2022-23 के पहले 8 महीनों में आवास और शहरी मामलों पर पूंजीगत व्यय (खर्च) में सालाना आधार पर 32 प्रतिशत की गिरावट आई है, मंगलवार को आर्थिक सर्वेक्षण दस्तावेज से यह सामने आया है.

2022-23 की अवधि के दौरान, आवास और शहरी मामलों पर पूंजीगत व्यय पिछले वर्ष की समान अवधि के 17,000 करोड़ रुपये की तुलना में 11,000 करोड़ रुपये था. पूरे वित्त वर्ष 2022-23 के लिए बजटीय कैपेक्स अनुमान 27,000 करोड़ रुपये था.

हालांकि, 2022-23 के पहले 8 महीनों में भारत में कुल पूंजीगत व्यय में 63.4 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जिसे कि आर्थिक सर्वेक्षण दस्तावेज़ भारतीय अर्थव्यवस्था वृद्धि ड्राइवर के तौर पर दिखाया है.

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को अगले वित्तीय वर्ष के राष्ट्रीय बजट से एक दिन पहले संसद में 2022-23 के लिए आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया.

संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण के बाद केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2022-23 के लिए बजट पूर्व आर्थिक सर्वेक्षण दस्तावेज संसद में पेश किया.

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सड़क परिवहन और राजमार्गों पर पूंजीगत व्यय 2022-23 के पहले 8 महीनों में सालाना आधार पर 102 प्रतिशत बढ़ा.

सड़क परिवहन और राजमार्गों के अलावा, दूरसंचार पर पूंजीगत व्यय 2022-23 के पहले 8 महीनों में 692 प्रतिशत बढ़ा है.

इसके अलावा, 2022-23 के पहले आठ महीनों में ‘ट्रांसफर टू स्टेट्स’ के तहत पूंजीगत व्यय में 439 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जैसा कि सर्वेक्षण दस्तावेज में उपलब्ध आंकड़ों से पता चलता है. रेलवे में कैपेक्स 77 फीसदी बढ़ा.

आर्थिक सर्वेक्षण ने अगले वित्तीय वर्ष 2023-24 में वास्तविक रूप से 6.5 प्रतिशत की बेसलाइन जीडीपी वृद्धि का अनुमान लगाया है.

सर्वेक्षण दस्तावेज़ में कहा गया है कि प्रोजेक्शन मोटे तौर पर बहुपक्षीय एजेंसियों जैसे विश्व बैंक, आईएमएफ और एडीबी और आरबीआई द्वारा प्रदान किए गए अनुमानों के बराबर है.

सर्वेक्षण में कहा गया है कि वैश्विक स्तर पर आर्थिक और राजनीतिक विकास के आधार पर, वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि का परिणाम संभवत: 6.0 प्रतिशत से 6.8 प्रतिशत के बीच होगा.

मुख्य आर्थिक सलाहकार वी अनंत नागेश्वरन की देखरेख में तैयार किया गया आर्थिक सर्वेक्षण दस्तावेज, चालू वित्त वर्ष 2022-23 (अप्रैल-मार्च) में अर्थव्यवस्था की स्थिति और विभिन्न संकेतकों और अगले वर्ष के लिए दृष्टिकोण के बारे में जानकारी देगा.

आर्थिक सर्वे बुधवार को पेश होने वाले 2023-24 के वास्तविक बजट के बारे में भी कुछ आइडिया दे सकता है.

2024 के अप्रैल-मई में होने वाले अगले लोकसभा चुनाव के साथ बजट 2023 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का आखिरी पूर्ण बजट होने की संभावना है. पिछले दो केंद्रीय बजटों की तरह, केंद्रीय बजट 2023-24 भी  कागज रहित रूप में आएगा.


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