नई दिल्ली: रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने मंगलवार को मैन-पोर्टेबल एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल (एमपीएटीजीएम) का सफल उड़ान परीक्षण किया.
रक्षा मंत्रालय ने कहा कि टैंक रोधी मिसाइल का अंतिम ‘सुपुर्दगी योग्य विन्यास’ में उड़ान परीक्षण किया गया. स्वदेशी रूप से विकसित एमपीएटीजीएम कम वजन की मिसाइल है.
मंत्रालय ने कहा, ‘रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन ने 11 जनवरी को मैन-पोर्टेबल एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल (एमपीएटीजीएम) के अंतिम सुपुर्दगी योग्य विन्यास का सफलतापूर्वक उड़ान परीक्षण किया.’
इसने कहा, ‘मिसाइल ने निर्धारित लक्ष्य को नष्ट किया. अंतिम प्रभाव घटना कैमरे में कैद हुई और परीक्षण ने न्यूनतम मारक क्षमता को सफलतापूर्वक सत्यापित किया.’
इसने कहा कि न्यूनतम मारक क्षमता के लिए ‘सतत प्रदर्शन’ साबित करने के लिए यह परीक्षण किया गया. मिसाइल की मारक क्षमता 2.5 किलोमीटर है. मंत्रालय ने कहा, ‘मिशन के सभी उद्देश्य पूरे हो गए हैं.’
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रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने टैंक रोधी मिसाइल के सतत प्रदर्शन के लिए डीआरडीओ को बधाई दी और कहा कि यह उन्नत प्रौद्योगिकी आधारित रक्षा प्रणालियों के विकास में ‘आत्मनिर्भर भारत’ की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.
मंत्रालय ने कहा कि डीआरडीओ के अध्यक्ष जी सतीश रेड्डी ने मिसाइल के “उत्कृष्ट प्रदर्शन” के लिए परियोजना में शामिल सभी लोगों को बधाई दी.