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Friday, 19 April, 2024
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दिल्ली पुलिस पर आरोप, डीयू के दलित छात्र को थाने में बुरी तरह टॉर्चर किया

साथ ही प्रमोद ने यह आरोप लगाया है कि न सिर्फ पुलिस ने उसे एनकाउंटर की धमकी बल्कि उसे जातिसूचक गालियां भी दीं.

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नई दिल्ली दिल्ली विश्वविद्यालय के थर्ड ईयर लॉ के दलित स्टूडेंट प्रमोद कुमार ने आदर्श नगर पुलिस थाने पर थर्ड डिग्री टॉर्चर करने का आरोप लगाया है. साथ ही प्रमोद ने आरोप लगाया है कि  सिर्फ पुलिस ने उसे बेरहमी से पीटा बल्कि जातिसूचक गालियां भी दीं.

उन्होंने दिल्ली पुलिस डीसीपी, नॉर्थ वेस्ट को भी इस बात का शिकायत पत्र भेजा है. उनका कहना है कि उन्होंने मौरिस नगर थाने में एफआईआर लिखवाने की कोशिश भी की पर लिखी नहीं गई. मौरिस नगर के एसएचओ राम अवतार ने दिप्रिंट को बताया, ‘वो लोग डीसीपी को लिखे पत्र को लेकर आए थे. जब मामला आदर्श नगर थाने का है तो मौरिस नगर थाने में एफआईआर का क्या तुक है.’

अपने शिकायत पत्र में प्रमोद ने लिखा है, ’25 अगस्त दोपहर के 1:14 बजे मुझे आदर्श नगर थाने से फोन आया और कहा गया कि मेरे भतीजे अमर को गिरफ्तार किया गया है. जब मैं घर की तरफ गया तो कई लोगों ने बताया कि पुलिस मेरे भतीजे समेत तीन लोगों को उठा ले गई है.’ प्रमोद ने आगे कहा कि थाने में उन्होंने जब बिना एफआईआर गिरफ्तारी का कारण पूछा तो पुलिसकर्मी ने उन्हें पीटना शुरू कर दिया.

आरोप है कि जब उन्होंने ख़ुद को बताया लॉ का छात्र बताया तो पुलिस वालों ने कहा,अब तुझे कानून की सारी पढ़ाई सिखाते हैं.’ आरोप ये भी हैं कि उनका फोन छीन लिया गया और नंगा करके आधा घंटे तक पीटा गया. उन्होंने कहा, ‘मुझे तब तक पीटा गया जब तक मैं मैं बेहोश नहीं हो गया. उसके बाद जब होश आया तो मुझे बंदूक की नोक पर बंधक बना लिया गया. मेरे गुप्तांगों में प्लास्टिक का पाइप भी डाला गया. उसके बाद हिरासत में लिए गए बाकी तीनों लड़कों को भी मेरे साथ ही एक कमरे में बैठा दिया. एसएचओ ने हमें जूतों से पीटा.’

दिप्रिंट से बात करते हुए प्रमोद ने बताया, ‘बाद में मुझे एनकांउटर की धमकी देकर लिखवाया गया,’मैं एक पड़ोसी के साथ हुए झगड़े की पूछताछ के लिए थाने आया था. मेरे साथ कोई मारपीट नहीं की गई और मुझे पुलिस थाने से सही अवस्था में छोड़ा गया.’

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मौरिस नगर में एफआईआर लिखवाने जाते हुए पीड़ित प्रमोद कुमार.

साथ ही उनका आरोप है कि उनका फोन भी जब्त कर लिया गया और अगले दिन परिवार के आग्रह पर वापस किया गया. वहीं, आदर्श नगर थाने के एसएचओ एम पी सैनी ने दिप्रिंट को बताया कि ये आरोप निराधार हैं. वो कहते हैं, ‘प्रमोद अपने भतीजे को छुड़वाने थाने आया था. उसके भतीजे पर मार्च 2019 में पॉक्सो एक्ट 12, यौन शोषण के लिए आईपीसी की धारा 354A, 354B और धमकाने के लिए धारा 506 के तहत मामला दर्ज हुआ था. वो जेल भी गया है और जमानत पर बाहर था. प्रमोद को नहीं पीटा गया है.’

गौरतलब है कि पुलिस के मुताबिक प्रमोद के भतीजे अमर पर अवैध वसूली का आरोप है. आदर्श नगर थाने में उनपर आर्म्स एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज की गई है. प्रमोद का कहना है कि पुलिस ने 600 रुपयों की अवैध वसूली का मामला दर्ज किया है.

प्रमोद का आरोप है कि ये एफआईआर फर्जी है. डीसीपी को लिखे शिकायत पत्र में उन्होंने कहा है, ’25 अगस्त को मेरे भतीजे को पुलिस सादे कपड़ों में दोपहर में 1 बजे उठा ले गई. एफआईआर रात को 10:50 पर लिखी गई और एफआईआर में मामला शाम के 7 बजे का दिखाया गया है. साथ ही 600 रुपए की अवैध वसूली पर आर्म्स एक्ट लगाया है.

फिलहाल लॉ फैक्ल्टी के कम से कम 150 छात्र मौरिस नगर थाने पर धरने पर बैठे और आरोपी पुलिसवालों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग कर रहे हैं. एक छात्र शुभम यादव ने दिप्रिंट को बताया, ‘मामला प्रमोद के साथ पुलिस थाने में हुई बर्बरता का है. उसे दलित कहकर गालियां दी गई. हमें उसके भतीजे के केस से लेना देना नहीं है. हम प्रमोद का न्याय दिलाने के लिए आए हैं.’

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