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Wednesday, 19 March, 2025
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दिल्ली चुनाव: भाजपा ने पूर्वांचली और पंजाबी मतदाताओं के गढ़ों में जीत दर्ज की

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नयी दिल्ली, 8 फरवरी (भाषा) दिल्ली में 26 साल से अधिक समय बाद सत्ता में लौटी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पूर्वांचलियों, सिखों, जाटों और झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वालों सहित विभिन्न क्षेत्रीय एवं सामाजिक-आर्थिक वर्गों के मतदाताओं के वर्चस्व वाले निर्वाचन क्षेत्रों में पैठ बनाने में सफल रही।

दिल्ली की 70 सदस्यीय विधानसभा के लिए हुए चुनाव में भाजपा ने शनिवार को 48 सीट पर जीत दर्ज की। आम आदमी पार्टी (आप) को 22 सीट मिली, जबकि कांग्रेस 2015 और 2020 के बाद एक बार फिर अपना खाता नहीं खोल पाई।

भाजपा ने हरियाणा की सीमा से लगे निर्वाचन क्षेत्रों में प्रभावशाली प्रदर्शन किया तथा ऐसी 11 में से नौ सीट पर जीत हासिल की। ये नतीजे ऐसे समय में आए हैं जब ‘आप’ संयोजक अरविंद केजरीवाल ने भाजपा नीत हरियाणा सरकार पर यमुना नदी में जहर मिलाने का आरोप लगाया था।

केजरीवाल, नयी दिल्ली सीट से हार गए।

भाजपा ने लक्ष्मी नगर, संगम विहार और करावल नगर जैसे उन निर्वाचन क्षेत्रों में भी शानदार प्रदर्शन किया, जहां 15 प्रतिशत से अधिक पूर्वांचली मतदाता हैं। पार्टी ने ऐसी 35 में से 25 सीट पर जीत हासिल की।

नजफगढ़, नरेला और बिजवासन समेत ऐसे 13 विधानसभा क्षेत्रों में से 12 में भाजपा ने जीत दर्ज की, जहां पांच प्रतिशत हरियाणवी मतदाता हैं।

पार्टी ने झुग्गीवासियों के प्रभुत्व वाली सात में से चार सीट जीतीं। इसके अलावा, भाजपा 12 आरक्षित सीटों में से मंगोलपुरी समेत चार सीट जीतने में सफल रही।

भाजपा ने 10 प्रतिशत से अधिक सिख मतदाताओं वाली चार सीट में से तीन सीट, 10 प्रतिशत से अधिक पंजाबी मतदाताओं वाली हरि नगर, जनकपुरी और राजौरी जैसी 28 सीट में से 23 सीट तथा 10 प्रतिशत से अधिक गुज्जर मतदाताओं वाली पांच सीट में से दो सीट जीती हैं।

इसके अलावा, पार्टी ने 10 प्रतिशत से अधिक जाट मतदाताओं वाले निर्वाचन क्षेत्रों में भी बहुत अच्छा प्रदर्शन किया है तथा ऐसी 13 में से 11 सीट पर जीत हासिल की है। उसने 10 प्रतिशत से अधिक वाल्मीकि मतदाताओं वाली नौ में से चार सीट जीतीं तथा 10 प्रतिशत से अधिक जाटव मतदाताओं वाली 12 में से छह सीट पर जीत हासिल की।

भाजपा ने छह पूर्वांचली उम्मीदवार मैदान में उतारे थे, जिनमें से चार जीत गए, जबकि दिल्ली चुनाव में उसके 14 में से 12 हरियाणवी उम्मीदवार विजयी हुए।

हरियाणा और उत्तर प्रदेश की सीमा से लगी कुल 22 सीट में से पार्टी ने 16 सीट जीतीं।

भाषा सिम्मी सुभाष

सुभाष

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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