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सोमवार, 9 जून, 2025
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डीसीडब्ल्यू ने महिलाओं को गर्भाशय के कैंसर से बचाने के लिए मुफ्त में एचपीवी टीका देने की वकालत की

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(फाइल फोटो के साथ)

नयी दिल्ली, 16 अगस्त (भाषा) दिल्ली महिला आयोग (डीसीडब्ल्यू) ने स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक से महिलाओं में गर्भाशय कैंसर रोकने में अहम एचपीवी टीके की पहुंच को लेकर रिपोर्ट तलब की है और इस टीके को मुफ्त में देने की वकालत की है।

डीसीडब्ल्यू ने एक बयान में कहा कि भारत में कैंसर से महिलाओं की मौत में गर्भाशय का कैंसर प्रमुख है। एक आकलन के मुताबिक हर साल गर्भाशय कैंसर के 1.25 लाख नए मामले आते हैं और करीब 75 हजार मरीजों की मौत हो जाती है।

आयोग ने कहा कि नियमित जांच और बीमारी के लिए मुख्य रूप से जिम्मेदार ह्यूमन पेपिलोमा वायरस (एचपीवी) का टीका देकर कैंसर से बचा जा सकता है।

आयोग ने कहा कि भारत में एचपीवी टीके की एक खुराक की कीमत 2,800 रुपये से 3,299 रुपये (गार्डासिल और सरवेरिक्स )के बीच है। टीके के लिए तीन खुराक देनी होती है। इससे भारत में एक महिला या लड़की को गर्भाशय कैंसर से बचाने के लिए टीकाकरण पर 8,400 या 9,897 रुपये खर्च करने पड़ते हैं।

डीसीडब्ल्यू ने कहा कि देश के अधिकतर लोगों के लिए यह बड़ी राशि है।

डीसीडब्ल्यू की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने कहा, ‘‘इस बीमारी का निदान नियमिति जांच और ह्यूमन पेपिलोमा वायरस (एचपीवी) संक्रमण का टीका देकर किया जा सकता है जो इस कैंसर के लिए मुख्य रूप से जिम्मेदार है। ’’

उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन यह टीका बहुत ही मंहगा है और महिलाओं एवं लड़कियों को मुफ्त में दिया जाना चाहिए। केंद्र सरकार को इस मामले में संज्ञान लेना चाहिए और महिलाओं और लड़कियों तक एचपीवी टीके की उपलब्धता सुनिश्चित करने की कोशिश करनी चाहिए।’’

भाषा धीरज पवनेश

पवनेश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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