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Thursday, 25 April, 2024
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सबूतों के अभाव का हवाला देकर कोर्ट ने 2009 के दोहरे हत्याकांड में छोटा राजन और तीन अन्य को बरी किया

विशेष न्यायाधीश ए एम पाटिल ने सबूतों के अभाव में उन्हें बरी करते हुए कहा कि अभियोजन आरोपों को साबित करने में नाकाम रहा. न्यायाधीश ने कहा कि अभियोजन राजन से जुड़े षडयंत्र को भी साबित नहीं कर पाया.

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नई दिल्ली: मुंबई की एक विशेष सीबीआई अदालत ने 2009 के दोहरे हत्याकांड में ‘गैंगस्टर’ छोटा राजन और तीन अन्य को गुरुवार को बरी कर दिया.

विशेष न्यायाधीश ए एम पाटिल ने सबूतों के अभाव में उन्हें बरी करते हुए कहा कि अभियोजन आरोपों को साबित करने में नाकाम रहा. न्यायाधीश ने कहा कि अभियोजन राजन से जुड़े षडयंत्र को भी साबित नहीं कर पाया.

मामले में जिन अन्य लोगों को रिहा किया गया है उनमें मोहम्मद अली शेख, उमेद शेख और प्रणय राणे शामिल हैं.

अभियोजन के अनुसार, जुलाई 2009 में शाहिद गुलाम हुसैन उर्फ छोटे मियां की दक्षिण मुंबई नागपाड़ा इलाके में फुटपाथ पर दो लोगों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी. घटनास्थल से फरार होने वक्त हमलावरों ने तीन अन्य लोगों को भी गोली मारी थी. इस घटना में छोटे मियां के साथ ही सईद अरशद की मौत हो गयी थी.

जांच के दौरान पुलिस ने राणे को गिरफ्तार किया जिसने कथित तौर पर अन्य आरोपियों की भूमिका उजागर की.

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हालांकि, राजन जेल से बाहर नहीं आ पाएगा क्योंकि वह कई अन्य मामलों में मुकदमों का सामना कर रहा है. उसे पत्रकार जे डे की हत्या मामले में दोषी ठहराया गया है.

वह 2015 में इंडोनेशिया के बाली से प्रत्यर्पण के बाद से ही दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद है.


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