मुंबई, 16 अगस्त (भाषा) महाराष्ट्र की एक अदालत ने अपनी पत्नी को एक बार में ‘तीन तलाक’ देने के आरोपी 28 वर्षीय व्यक्ति को अग्रिम ज़मानत देने से इनकार कर दिया।
अदालत ने कहा, आरोपी ने तीन बार ‘तलाक’ शब्द बोलकर अपनी पत्नी को तलाक दे दिया, जबकि यह कानून के खिलाफ है।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश (दिंडोशी अदालत) एमएच पठान ने 10 अगस्त को व्यक्ति की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी। विस्तृत आदेश हाल में उपलब्ध कराया गया है।
पुलिस के मुताबिक, महिला ने रिपोर्ट दर्ज कराई है कि उसने मार्च 2022 में मुस्लिम रीति-रिवाज के अनुसार आरोपी से शादी की। पुलिस ने बताया कि शादी के तीन दिन बाद उसके ससुराल वाले मोटरसाइकिल एवं गहने खरीदने के लिए उसके पिता से पैसे की मांग करने लगे।
शिकायत के अनुसार ससुराल वालों ने महिला के साथ कथित तौर पर दुर्व्यवहार शुरू कर दिया। शिकायतकर्ता ने यह भी आरोप लगाया कि उसके पति का किसी और महिला के साथ प्रेम प्रसंग था और वह घर भी आती थी। महिला के पति ने उसे जान से मारने की धमकी भी दी।
महिला ने पुलिस को बताया कि बाद में पति ने ‘तलाक, तलाक, तलाक’ कहकर उसे तलाक दे दिया।
महिला की शिकायत के आधार पर, मुंबई के उपनगर अंधेरी में सहार पुलिस ने जून 2023 में पति और ससुराल वालों के खिलाफ मामला दर्ज किया।
मामले में गिरफ्तारी की आशंका जताते हुए आरोपी ने अदालत का रुख कर अग्रिम जमानत मांगी।
आरोपी ने अपने वकील के माध्यम से कहा कि महिला और उसके बीच वैवाहिक विवाद चल रहा है और इसलिए महिला ने ससुराल वालों के खिलाफ झूठी शिकायत दर्ज कराई है।
अदालत ने अपने आदेश में कहा कि प्रथम दृष्टया ऐसा प्रतीत होता है कि महिला के पति के खिलाफ विशिष्ट आरोप हैं।
अदालत ने कहा कि आरोपी दूसरी महिला को घर लाता था और अपनी पत्नी को परेशान करता था। अदालत ने कहा कि इसलिए वह जमानत पर रिहा होने का हकदार नहीं है।
अदालत ने मामले के अन्य आरोपियों को यह कहते हुए अग्रिम जमानत दे दी कि उनके खिलाफ आरोप सामान्य प्रकृति के हैं।
भाषा नोमान अविनाश
अविनाश
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