scorecardresearch
Wednesday, 12 November, 2025
होमदेशग्रैप का तीसरा चरण लागू होने के साथ नोएडा में निर्माण कार्य पर प्रतिबंध, वाहन प्रतिबंध लागू

ग्रैप का तीसरा चरण लागू होने के साथ नोएडा में निर्माण कार्य पर प्रतिबंध, वाहन प्रतिबंध लागू

Text Size:

नोएडा, 12 नवंबर (भाषा) दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में वायु की गुणवत्ता में गिरावट को देखते हुए, वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने क्रमिक प्रतिक्रिया कार्य योजना (ग्रैप) के तीसरे चरण को लागू किया है, जिसके कारण नोएडा प्राधिकरण को शहर भर में निर्माण गतिविधि और वाहनों की आवाजाही पर सख्त प्रतिबंध लगाने पड़े हैं।

मंगलवार को जारी एक आधिकारिक बयान के अनुसार, नोएडा में मेट्रो रेल, अस्पतालों और फ्लाईओवर से संबंधित निर्माण गतिविधियों को छोड़कर सभी निर्माण गतिविधियां तत्काल प्रभाव से रोक दी गई हैं। इस कदम का उद्देश्य बढ़ते प्रदूषण स्तर को नियंत्रित करना है क्योंकि क्षेत्र में वायु गुणवत्ता सूचकांक अभी ‘गंभीर’ श्रेणी में बना हुआ है।

बुधवार शाम को नोएडा सेक्टर एक मॉनिटरिंग स्टेशन पर एक्यूआई 407, सेक्टर 125 में 425, सेक्टर 62 में 388 और सेक्टर 116 में 415 था। पीएम 2.5 पीएम 10 प्रमुख वायु प्रदूषकों में से हैं।

बयान में कहा गया है कि प्रतिबंधों के तहत, नोएडा में बीएस-तीन पेट्रोल और बीएस-चार डीजल चार पहिया वाहनों के चलने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। इसके अतिरिक्त, सभी रेडी-मिक्स कंक्रीट (आरएमसी) संयंत्रों, स्टोन क्रशर और विध्वंस कार्यों को अगले आदेश तक बंद करने का आदेश दिया गया है।

प्राधिकरण ने नोएडा में कार्यरत सभी निवासियों, संस्थानों और एजेंसियों से आग्रह किया है कि वे ग्रैप के तीसरे चरण के तहत जारी दिशा-निर्देशों और सीएक्यूएम के निर्देशों का कड़ाई से पालन करें।

नोएडा प्राधिकरण ने अपनी विज्ञप्ति में कहा, ‘अनुपालन न करने पर आवश्यक कानूनी कार्रवाई की जाएगी और नियमों के अनुसार जुर्माना लगाया जाएगा।’

ग्रैप के तीसरे चरण के उपायों का कार्यान्वयन सर्दियों के महीनों के दौरान राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में वायु प्रदूषण को कम करने के लिए एक श्रेणीबद्ध रणनीति के हिस्से के रूप में किया गया है, जब प्रदूषण और मौसम की स्थिति मिलकर वायु की गुणवत्ता को गंभीर रूप से प्रभावित करती है।

ग्रैप दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते वायु प्रदूषण के स्तर से निपटने के लिए लागू किए गए आपातकालीन उपायों का एक समूह है। इसे राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और आसपास के इलाकों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) द्वारा लागू किया जाता है। ग्रैप को एक्यूआई की गंभीरता के आधार पर अलग-अलग चरणों में लागू किया जाता है – पहला चरण (खराब), दूसरा चरण (बहुत खराब), तीसरा चरण (गंभीर) और चौथा चरण (बेहद गंभीर)।

भाषा तान्या प्रशांत

प्रशांत

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

share & View comments