बलरामपुर, 12 नवंबर (भाषा) छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले में एक आभूषण की दुकान में चोरी के मामले में आरोपी 19 वर्षीय युवक की पुलिस हिरासत में मौत के बाद मामले की न्यायिक जांच के आदेश दिए गए हैं। अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी।
अधिकारियों ने बताया कि इस मामले में चार पुलिसकर्मियों को हटाकर बलरामपुर स्थित पुलिस लाईन में तैनात कर दिया गया है।
मृतक के परिवार ने आरोप लगाया है कि पुलिस ने उसे बेरहमी से प्रताड़ित किया, जिसके कारण उसकी मौत हो गई। उन्होंने ज़िम्मेदार लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि पड़ोसी सरगुजा जिले के सीतापुर पुलिस थाना क्षेत्र के अंतर्गत नकना गांव निवासी उमेश सिंह को यहां 30-31 अक्टूबर की रात में बलरामपुर के चांदो रोड स्थित एक आभूषण की दुकान में हुई चोरी के मामले में गिरफ्तार किया गया था। इस मामले में कुल नौ लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
अधिकारियों ने बताया कि मामले में गिरफ्तार किए गए आठ अन्य आरोपियों में वे लोग भी शामिल हैं जिन्होंने कथित तौर पर चोरी के आभूषण खरीदे थे।
उन्होंने बताया कि पुलिस ने लगभग 50 लाख रुपये के आभूषण बरामद किए हैं।
अधिकारियों ने बताया कि गिरफ्तारी के बाद उमेश सिंह को रविवार (नौ नवंबर) सुबह सरगुजा से पूछताछ के लिए बलरामपुर थाने लाया जा रहा था, तभी उनकी हालत बिगड़ गई। इसके बाद उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।
उन्होंने बताया कि शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। मौत का सही कारण पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही पता चलेगा।
बलरामपुर के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विश्व दीपक त्रिपाठी ने कहा कि घटना की न्यायिक जांच के आदेश दे दिए गए हैं और पोस्टमार्टम तथा जांच रिपोर्ट मिलने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
घटना के बाद, सरगुजा क्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक दीपक झा ने मंगलवार को चार पुलिसकर्मियों – साइबर सेल, बलरामपुर के निरीक्षक हिम्मत सिंह शेखावत और आरक्षक आकाश तिवारी, उप निरीक्षक राधेश्याम विश्वकर्मा और बलरामपुर थाने की आरक्षक माधुरी कुजूर को तत्काल प्रभाव से आरक्षी केंद्र, बलरामपुर में भेज दिया है।
सिंह के परिवार ने सोमवार और मंगलवार को बलरामपुर जिला अस्पताल के बाहर विरोध प्रदर्शन किया और सख्त कार्रवाई होने तक शव लेने से इनकार कर दिया।
उन्होंने दावा किया कि पुलिस ने सिंह को सात नवंबर को पकड़ा था और बलरामपुर लाए जाने से पहले दो दिनों तक उनकी बेरहमी से पिटाई की गई थी।
इस बीच, पुलिस ने आरोपों से इनकार करते हुए दावा किया कि सिंह सिकलसेल रोग से पीड़ित था और पिछले एक साल में कम से कम 10 बार विभिन्न अस्पतालों में भर्ती हुआ था।
उन्होंने बताया कि रविवार सुबह उसकी हालत अचानक बिगड़ गई और उसे तुरंत इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया, जहां उसकी मृत्यु हो गई।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि रिकॉर्ड बताते हैं कि उमेश सिंह और उनके पिता हीरू उर्फ फेकू सिंह, दोनों आदतन अपराधी हैं और उनके खिलाफ सरगुजा संभाग में चोरी और सेंधमारी के कई मामले दर्ज हैं।
अधिकारियों ने बताया कि मामले की न्यायिक जांच के आदेश दिए गए हैं। रामानुजगंज के प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश हेमंत सराफ ने मामले की जांच व्यवहार न्यायालय के अतिरिक्त न्यायाधीश शाश्वत दुबे को सौंपा है। उन्हें जल्द जांच प्रतिवेदन सौंपने के लिए कहा गया है।
भाषा सं संजीव मनीषा रंजन
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